शिवसेना (उद्धव ठाकरे) गुट के नेता और सांसद संजय राउत को एक बार फिर कोर्ट से झटका लगा है. मुंबई PMLA कोर्ट ने राउत की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी है. इसके साथ ही उनकी जमानत याचिका पर पीएमएलए कोर्ट 9 नवंबर को फैसला सुनाएगी. इससे पहले, 21 अक्टूबर को उनकी जमानत याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी थी. उस समय भी संजय राउत की न्यायिक हिरासत बढ़ाई गई थी.
संजय राउत को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कथित भूमिका के लिए जुलाई में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने पीएमएलए अदालत से जमानत मांगी थी, जिसका अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने विरोध किया था। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी के पास 2011 से रिकॉर्ड मौजूद हैं, जो यह बताते हैं कि संजय राउत पात्रा चॉल प्रोजेक्ट में शामिल थे।
क्या है पात्रा चॉल मामला ?
पात्रा चॉल सिद्धार्थ नगर उपनगरीय गोरेगांव में स्थित है, जो 47 एकड़ में फैला है। इसमें 672 परिवार किराया देकर रहते हैं। महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी ने एचडीआईएल की एक सहयोगी कंपनी को 2008 में चॉल के लिए एक पुनर्विकास अनुबंध सौंपा था।
जीएसीपीएल को किरायेदारों के लिए 672 फ्लैट बनाने और म्हाडा को कुछ फ्लैट देने थे। हालांकि, पिछले 14 वर्षों में एक भी किरायेदार को फ्लैट नहीं दिया गया। ईडी ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने पात्रा चॉल का पुनर्विकास ही नहीं किया, बल्कि बिल्डरों को 1,034 करोड़ रुपये में भूमि पार्सल और फ्लोर स्पेस इंडेक्स बेच दिया था।