प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) और उनके बेटे ऋषिकेश देशमुख के खिलाफ ताजा सम्मन जारी किया है। ईडी ने दोनों को सोमवार तक पेश होने के लिए कहा है। ईडी ने चौथी बार समन भेजा है.
गौरतलब है कि इससे पूर्व भी 72 वर्षीय एनसीपी नेता को ईडी तीन बार सम्मन भेज चुकी है। लेकिन हर बार वह इस एजेंसी के सामने पेश होने से बचते रहे हैं। उनके बेटे और पत्नी को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा चुका है, लेकिन यह दोनों भी सुनवाई के लिए उपस्थित नहीं हुए हैं।
इससे पहले महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनके बेटे हृषिकेश देशमुख ने मनी लॉड्रिंग के तहत कार्यवाही पर रोक को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. अदालत ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए ईडी को दंडात्मक कार्यवाही ना करने का आदेश देने से इनकार कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दूसरे पक्ष को सुने बिना ऐसा कोई आदेश जारी नहीं कर सकते. साथ ही कहा कि अन्य मामलों में दंडात्मक कार्यवाही पर रोक नहीं लगायी, तो एक मामले में ऐसा आदेश देना ठीक नहीं होगा. इसके बाद मामले की सुनवाई के लिए तीन अगस्त की तारीख तय कर दी.
अनिल देशमुख को यह यह सम्मन महाराष्ट्र पुलिस में 100 करोड़ का घूस रैकेट चलाने के मामले में भेजा गया है। इसी मामले में अनिल देशमुख को महाराष्ट्र के गृहमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय ने देशमुख के मुंबई और नागपुर स्थित परिसरों में छापेमारी की थी। इसके अलावा उनके सहयोगियों और कुछ अन्य के खिलाफ भी तलाशी अभियान चलाया गया था। बाद में ईडी ने अनिल देशमुख के निजी सचिव, 51 वर्षीय संजीव पलांडे और निजी सहायक 45 वर्षीय कुंदन शिंदे को गिरफ्तार भी किया था। बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के तहत दर्ज एक मामले में सीबीआई की जांच शुरू होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल देशमुख और अन्य के खिलाफ मामला तब दर्ज किया। कोर्ट ने सीबीआई को मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की तरफ से अनिल देशमुख के खिलाफ लगाए गए रिश्वत के आरोपों के संबंध में जांच का निर्देश दिया था।