पवार के पद पर बने रहने की मांग को लेकर महाराष्ट्र में कई जगह आंदोलन
पवार के फैसले को भाजपा, कांग्रेस व शिवसेना ने बताया पार्टी का अंदरुनी मामला
मुंबई, 2 मई । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार के पद छोड़ने की घोषणा के बाद से राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं। पवार के पद पर बने रहने की मांग को लेकर कई स्थानों पर आंदोलन हो रहा है। इसी बीच पवार के पद छोड़ने के विरोध में पार्टी के तीन अध्यक्षों ने अपना आक्रोश जताते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष कार्यकर्ताओं को पवार को मना लेने का आश्वासन दिया है।
मंगलवार को राकांपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार के पद छोड़ने की घोषणा के बाद पुणे राकांपा जिला अध्यक्ष प्रशांत जगताप, बुलढ़ाणा राकांपा जिलाध्यक्ष नजीर काजी और धाराशिव के राकांपा जिलाध्यक्ष सुरेश बिराजदार ने अपने पद का इस्तीफा प्रदेश राकांपा अध्यक्ष जयंत पाटिल को भेज दिया है।
शरद पवार के राकांपा अध्यक्ष बने रहने की मांग को लेकर मुंबई में ठाणे के वाईबी चव्हाण सभागृह के अलावा पुणे, बुलढ़ाणा और धाराशिव जिले में राकांपा कार्यकर्ता आंदोलन कर रहे हैं। इसी बीच राकांपा प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि देशभर के कार्यकर्ता शरद पवार के इस फैसले से सहमत नहीं हैं। हमने फैसला किया है कि हम उनके मन को बदलने के लिए प्रयास करेंगे।
इस मामले में भारतीय जनता पार्टी नेता देवेंद्र फडणवीस के साथ कांग्रेस और शिवसेना ने भी अपनी सधी प्रतिक्रिया दी है। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस विषय की उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है। वैसे भी यह राकांपा का अंतर्गत प्रश्र है, इसलिए वे इस मुद्दे पर इससे ज्यादा कुछ नहीं बोलेंगे। कांग्रेस नेता तारीक अनवर ने कहा कि शरद पवार एक अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं। उनका परिवार ही इसे बता सकता है कि उन्होंने किन परिस्थितियों में इस्तीफा दिया है। 25 साल तक एनसीपी प्रमुख रहने के बाद से यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है।
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि हमें लगा था कि शरद पवार आखिरी सांस तक सार्वजनिक जीवन में रहेंगे, लेकिन आज उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया, यह हम नहीं बता सकते। इसका असर महा विकास अघाड़ी (एमवीए) पर नहीं पड़ेगा। हमें उम्मीद है कि एनसीपी का नया अध्यक्ष एमवीए के साथ रहेगा।
राकांपा नेता अनिल भाईदास पाटिल ने कहा कि शरद पवार के इस फैसले से देशभर के कार्यकर्ता सहमत नहीं हैं। हमने फैसला किया है कि हम उनके मन को बदलने के लिए प्रयास करना जारी रखेंगे। हम चाहते हैं कि शरद पवार आखिरी सांस तक एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे।
राकांपा नेता शशिकांत शिंदे ने कहा कि यह फैसला आम कार्यकर्ताओं के लिए चौंकाने वाला है। विश्वास नहीं हो रहा कि उन्होंने उम्र के कारण संन्यास लेने का फैसला किया है। वह कभी सेवानिवृत्त नहीं हो सकते, इसलिए उन्होंने इन फैसलों को वापस लेने की मांग की है। छगन भुजबल, जितेंद्र सहित एनसीपी नेताओं ने कहा कि हम एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के आपके फैसले को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। हम चाहते हैं कि आप अपने फैसले पर पुनर्विचार करें।