महाराष्ट्र में बागी नेताओं को लेकर सियासी घमासान जारी है. सोमवार को राज्य में फैली राजनीतिक अस्थिरता पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. हालांकि, सरकार को लेकर तत्काल कोई फैसला नहीं हो सका. इन सब के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने एक बार फिर बागियों पर निशाना साधा है. शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्वीट कर कहा कि जहालत एक किस्म की मौत है और जाहिल लोग चलती-फिरती लाशें हैं.
इससे पहले भी संजय राउत ने बागी विधायकों को ‘जिंदा लाश’ कहकर संबोधित किया था. उन्होंने कहा था, गुवाहाटी में जो हैं, वे जिंदा लाश हैं. वहां 40 विधायकों का शव मुंबई आएगा, जिसे पोस्टमार्टम के लिए विधानसभा भेजेंगे. उनकी आत्मा मर चुकी है. उनके इस बयान पर काफी हंगामा हुआ था. हालांकि बाद में राउत ने अपने बयान पर सफाई दी थी. उन्होंने कहा था कि उनके कहने का मतलब आत्मा के मरने से था.
ईडी का समन सोमवार को मिलने के बाद संजय राउत ने ट्वीट कर प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा कि मुझे पता चला कि ईडी ने मुझे नोटिस भेजा है. महाराष्ट्र में बड़े घटनाक्रम हो रहे हैं. वे बोले कि हम बालासाहेब के शिवसैनिक है. भले ही मेरा सिर धड़ से अलग कर दो लेकिन मैं गुवाहाटी का रास्ता नहीं अपनाने वाला.
उद्धव ठाकरे ने विभागों में किया फेरबदल
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने बीते दिनों बागी नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) सहित कई अन्य नेताओं के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए, मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया है. सीएम ने नौ बागी मंत्रियों के विभागों को महाविकास अघाड़ी सरकार के दूसरे मंत्रियों के जिम्मे में सौंपा है.
इसी को लेकर बागी विधायक अपनी याचिका उच्चतम न्यायालय में लेकर पहुंचे, जिसने विधानसभा उपाध्यक्ष द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई अयोग्यता कार्यवाही पर 11 जुलाई तक रोक लगा दी.
बता दें कि शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के खिलाफ शुरू हुई बगावत को एक हफ्ते हो रहा है. उनका 36 से ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा है. दोनों ही पक्ष अपने रुख पर अड़े हुए हैं और लंबी लड़ाई के लिये तैयार दिख रहे हैं. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, शिंदे के नेतृत्व में गुवाहाटी में डेरा डाले बैठे बागी मंत्रियों के विभाग अन्य मंत्रियों को इसलिए दिए जा रहे हैं, ताकि प्रशासन चलाने में आसानी हो.