मनपा मुख्यालय से गायब हुई ‘शिव भोजन थाली‘
अनुदान नहीं मिलने से ठेकेदार ने खड़े किए हाथ
विपक्ष को मिला मौका, योजना का उड़ाया मजाक
मुंबई-गरीबों को पांच रूपये में भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शिवसेना द्वारा शुरू की गयी उसकी महत्वाकांक्षी ‘शिव भोजन थाली’ योजना खटाई में पड़ती दिखाई दे रही है. हालात यह हो गए हैं कि जिस मनपा मुख्यालय की कैंटीन (उपहार गृह) में धूमधाम से दो बार इसका उद्घाटन किया गया था, उसी कैंटीन से ही शिव भोजन थाली गायब हो गयी है.
मनपा का उपहार गृह (कैंटीन) चलाने वाले मालिक का कहना है कि शिव भोजन थाली का जो दर निर्धारित किया गया है वह 5 रूपये में उपलब्ध कराना संभव नहीं है क्योंकि मनपा के कैंटीन को सरकार की ओर से कोई अनुदान नही मिलता। जिसके चलते शिव भोजन देना स्वाभाविक नही होगा।
कोरोना काल में भी राज्य की महाविकास आघाडी सरकार और मनपा की सत्ताधारी शिवसेना द्वारा गरीब जनता को शिव भोजन देने का श्रेय लेते हुए गुणगान किया जा रहा था लेकिन मनपा मुख्यालय से ही शिवसेना की शिव भोजन थाली गायब होने से विपक्ष को चुटकी लेने का मौका मिल गया है।
गौरतलब हो कि मनपा मुख्यालय के उपहार गृह में शिव भोजन योजना की शुरुआत करते समय शिवसेना के नेताओं द्वारा आपस में ही श्रेय लेने की होड़ लग गयी थी। जिसके चलते शिव भोजन थाली का उदघाटन दो बार किया गया था। पहले महापौर किशोरी पेडणेकर और बाद में स्थाई समिति अध्यक्ष यशवंत जाधव ने उदघाटन किया था।
गरीबों के लिए बनाई है योजना
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र की गरीब जनता के लिए शिवसेना ने 5 रुपए में शिव भोजन थाली की शुरुआत की है। मनपा मुख्यालय में भी गरीब लोगों के लिए शिव भोजन थाली शुरु की गई थी। मार्च में कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद सरकार ने राज्य भर में गरीब जनता को खाना उपलब्ध कराने के लिए शिव भोजन थाली पर और जोर दिया ताकि सभी गरीब जनता को खाना मिले।
स्थायी’ भोजन के दौर में शिव भोजन कैसे ?
जब मनपा में ‘स्थाई’ भोजन चल रहा हो तो शिव भोजन कैसे चलेगा, यह कहते हुए मनपा में भाजपा ने सत्ताधारी पर चुटकी ली है. मनपा में भाजपा प्रवक्ता भालचंद्र शिरसाट ने कहा कि मनपा में शिवसेना की सत्ता है वह अपने नए सहयोगियों के साथ देखिये और क्या क्या गुल खिलाती है. गरीब जनता का पेट भरने के लिए गाजे-बाजे के साथ शिव भोजन की शुरुआत की गई थी, लेकिन मनपा मुख्यालय से ही शिव भोजन गायब होने से इसके अन्य केंद्रों की हालात को समझा जा सकता है.