ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के बीच, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने दावा किया है कि महाराष्ट्र के पुणे शहर में पुण्येश्वर मंदिर की जमीन पर दो दरगाह बनाई गई हैं. मनसे महासचिव अजय शिंदे ने रविवार को कहा कि उन्होंने ‘पुण्येश्वर मुक्ति’ अभियान शुरू किया है और उन्होंने लोगों से इस कदम में राज ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी की लड़ाई का समर्थन करने की अपील की.
शिंदे ने ज्ञानवापी मस्जिद के हालिया सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि हिंदुत्व पर राज ठाकरे के रुख को देखते हुए सरकार की नींद टूटनी शुरू हो गई है. उन्होंने कहा, ‘‘हम ज्ञानवापी की तरह पुणे में पुण्येश्वर मंदिर के लिए भी लड़ रहे हैं.’’
शिंदे ने दावा किया कि खिलजी वंश के शासक अलाउद्दीन खिलजी के एक कमांडर ने पुणे में पुण्येश्वर और नारायणेश्वर मंदिरों को ध्वस्त कर दिया था और बाद में इस जमीन पर दरगाहों का निर्माण किया गया था.
बता दें कि हाल ही में मुंबई में औरंगजेब के मकबरे को लेकर भी इसी तरह के सवाल उठे थे. विवाद बढ़ता देख भारतीय पुरातत्व विभाग ने स्मारक को 5 दिनों तक बंद करने का फैसला लिया था. कुछ दिन पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने औरंगजेब के मकबरे में पहुंचकर फूल चढ़ाए थे. उनके इस दौरे की महाराष्ट्र सरकार ने आलोचना की थी. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार ने भी हैरानी जताई थी कि इस तरह के कामों से महाराष्ट्र में नया विवाद छेड़ने की कोशिश की जा रही है.