पंजाब के पूर्व वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया है। राहुल गांधी के नाम आज 2 पन्नों का पत्र लिखने के साथ ही उनका कांग्रेस से नाता टूट गया है। ट्विटर पर राहुल गांधी को टैग करते हुए मनप्रीत ने अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके बाद उन्होंने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है।
भाजपा में शामिल होने के बाद मनप्रीत सिंह बादल ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “आप ऐसी पार्टी के साथ कैसे काम कर सकते हैं जो खुद से लड़ती है? जहां कई मंडलियां हैं। एक को विपक्ष का नेता बनाया जाता है, दूसरे को विधायक दल का नेता बनाया जाता है और ये मंडलियां आपस में लड़ती हैं। कांग्रेस की ऐसी हालत हर राज्य में हैं। बादल ने अपने इस्तीफे में कहा कि कांग्रेस से उनका मोहभंग हो गया है। उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से पार्टी के भीतर जो चल रहा है। उसको देखते हुए मैं अब भारतयी राष्ट्रीय कांग्रेस का हिस्सा नहीं बनना चाहता।’
मनप्रीत सिंह बादल ने आगे कहा- राजनीति में बहुत कम मौके मिले हैं। मैं एक ‘शेर’ से मिला हूं, कुछ दिन पहले एक ‘शेर’ से मिला हूं और वो हैं भारत के गृह मंत्री अमित शाह. उन्होंने पंजाब के बारे में दिल को छू लेने वाली बात कही। गृह मंत्री ने कहा कि पंजाब ने भारत के लिए 400 हमले झेले। हम लोग मिलकर पंजाब का विकास सुनिश्चित कराएंगे।
ट्विटर पर किया ऐलान
अपने ट्विटर अकाउंट पर 2 पन्नों के पत्र में मनप्रीत बादल ने राहुल गांधी को लिखा, “जब 7 साल पहले मैंने अपनी पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब का कांग्रेस विलय किया था, तब यह सोचकर पार्टी में आया था कि कांग्रेस का एक लंबा इतिहास है। कांग्रेस में रहकर मैं पंजाब और यहां के लोगों की सेवा कर पाऊंगा। समय के साथ-साथ मुझे निराशा हाथ लगी।”
उन्होंने आगे कहा, “मेरे लिए वित्त मंत्री का काम कोई आसान नहीं रहा। मैंने उस समय यह भार संभाला, जब पंजाब का खजाना बहुत मुश्किल स्थितियों में था। मैं भी लोका लुभावन नीतियों को लागू कर सकता था लेकिन मैंने इस विकट स्थिति से पंजाब को उबारने का प्रयास किया।”
मनप्रीत सिंह बादल ने आगे लिखा, “पंजाब की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि किसी भी समय वित्तीय इमरजेंसी आ सकती थी, लेकिन मैंने जमीनी हकीकत को स्वीकारा और मुश्किल फैसले लिए। ये फैसले राजनीति रूप से मेरे लिए मुश्किल खड़ी कर सकते थे। अपने फैसले से मैंने पंजाब की आर्थिक स्थिति को बदला।”
उन्होंने कहा कि 15वें फाइनेंस कमिशन के सामने भी मैंने पंजाब की समस्याओं को रखा और उनसे पंजाब के पक्ष में फैसले करवाए। मनप्रीत सिंह बादल ने दावा किया कि उन्होंने अकेले ही 50000 करोड़ रुपए सरकारी खजाने में आयोग से दिलवाए।
कांग्रेस पार्टी पर लगाए गंभीर आरोप
मनप्रीत बादल ने अपने इस्तीफे में कांग्रेस पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने लिखा कि पार्टी ने मेरे द्वारा किए गए प्रयास की कोई सराहना नहीं की, बल्कि पंजाब कांग्रेस ने इसका उपहास ही उड़ाया।
उन्होंने लिखा, “कांग्रेस के इस व्यवहार ने मेरा दिल तोड़ दिया है। अब मै इसके बारे में और ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता। जिस तरह से कुछ लोगों को दिल्ली से डिक्टेट करने की छूट दी गई है उससे मैं निराश हूं। आपने (राहुल) कहा था कि आप पार्टी के नेताओं के बीच की दूरियों को कम करेंगे, लेकिन मुझे लगता है कि यह और बढ़ गई हैं। इसलिए मैं कांग्रेस की सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं।”
मनप्रीत पांच बार विधायक और 2 बार पंजाब के वित्त मंत्री रह चुके हैं. अकाली दल से निष्कासित होने के बाद उन्होंने अपनी अलग पार्टी पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब बनाई थी. बाद में मनप्रीत ने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया था. उन्होंने भाकपा और शिअद (लोंगोवाल) के साथ मिलकर सांझा मोर्चा बनाया था. लेकिन चुनाव में इस मोर्चे का वोट शेयर महज 6 फीसदी ही रह गया था. मनप्रीत ने जब शिअद से रास्ते अलग किए थे तो वह बादल सरकार में वित्त मंत्री थे.
बीजेपी लगातार कांग्रेस पार्टी को पंजाब में झटके दे रही है। पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़ सहित करीब एक दर्जन कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी ज्वाइन की थी। अब मनप्रीत के रूप में एक और बड़ा झटका दिया है। बता दें कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा कल ही पंजाब से हिमाचल पहुंची है।