उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को प्रचंड जनादेश मिला है. वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव को दोबारा सत्ता में लौटने के लिए एक बार फिर पांच पांच साल इंतजार करना होगा. इस बीच जानकारी मिली है कि अखिलेश यादव और पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान लोकसभा सदस्य बने रहेंगे. अगर ऐसा होता है तो उन्हें विधायक पद से इस्तीफा देना पड़ेगा.
बताया जा रहा है कि अभी लोकसभा में समाजवादी पार्टी के केवल 5 सदस्य हैं और सियासी माहौल को देखते हुए पार्टी लोकसभा में कमजोर नहीं होना चाहती. ऐसे में अखिलेश यादव और आजम खान विधानसभा सदस्य से इस्तीफा दे सकते हैं.
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 से भी यह साफ हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी का मजबूत विकल्प समाजवादी पार्टी ही बन सकती है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ भी उनके नजदीकी रिश्ते हैं। ऐसे में अखिलेश अब मजबूती से लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटेंगे।
वहीं, रामपुर के सांसद मो. आजम खां भी विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं, ऐसे में उन्हें भी एक सीट छोड़नी पड़ेगी। सूत्रों के अनुसार आजम खां रामपुर लोकसभा सीट से इस्तीफा दे सकते हैं। आजम ने इस बार का विधानसभा चुनाव जेल में रहकर ही जीता है। ऐसे में उनके द्वारा छोड़ी जाने वाली सीट पर भी उपचुनाव कराया जाएगा।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव नतीजे आने के एक दिन चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि सपा इस जनादेश को जनता का सम्मान करते हुए स्वीकार करती है। हर एक छात्र, बेरोजगार युवा, शिक्षक, शिक्षामित्र, पुरानी पेंशन समर्थक, महिला, किसान, मजदूर और सभी शुभचिंतकों को धन्यवाद जिन्होंने सपा के प्रति विश्वास जताया है।
अखिलेश ने बयान जारी कर समाजवादी-गठबंधन के जीते हुए सभी विधायकों को हार्दिक बधाई दी है। सभी नए विधायकों द्वारा जनसेवा के अपने दायित्व का ईमानदारी से निर्वहन किए जाने की प्रतिबद्धता भी जताई है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश की जनता को सीटें ढाई गुनी और मत प्रतिशत डेढ़ गुना बढ़ाने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणामों से स्पष्ट है कि भाजपा की सीटों को घटाया जा सकता है। भाजपा का यह घटाव निरंतर जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने जो भ्रम और छलावा फैलाया है वह आधे से ज्यादा दूर हो गया है, बाकी कुछ दिनों में दूर हो जाएगा। सपा जनता की समस्याओं और विकास के मुद्दों को सदन के अंदर और बाहर मजबूती से उठाएगी। जनहित में संघर्ष अवश्य जीतेगा। सपा लोकतंत्र के लिए संकल्पित है।