UP के बिजनौर में रविवार की शाम शहर की तीन मजारों में तोड़फोड़ कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई। कुछ चादरों को जला दिया गया। मजारों में तोड़फोड़ करने वाले दो सगे भाई निकले हैं, जो मुस्लिम हैं। वे भगवा कपड़े पहनकर तोड़फोड़ करने पहुंचे थे। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।
कोरोनाकाल के बाद इस बार सावन के महीने में कांवड़ यात्रा पूरे उत्साह के साथ भक्त कर रहे है। दो साल के अंतराल के बाद भी लोगों में वहीं जोश-उमंग है। लेकिन इस समय राज्य के हर जिले का प्रशासन चौकन्ना बैठा है क्योंकि बीते दिनों सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ने की पूरी कोशिश की गई। इस तरह की घटना दोबारा न हो तो कड़े इंतजाम किए गए है। इसी बीच शहर में कांवड़ यात्रा के दौरान माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की गई.
जानकारी के अनुसार यह मामला शहर के शेरकोट इलाके का है, जहां पर रविवार की शाम दो सगे भाई आदिल व कमाल ने हिंदू धर्म का लिबास पहनकर सैकड़ों साल पुरानी दरगाह भूरे शाह बाबा व जलालशाह बाबा व तीसरी कुतुब शाह की मजार तहस नहस करते चले गए। यहीं नहीं दोनों शातिर भाइयों ने मजार पर चढ़ी चादरों को आग के हवाले कर दिया। हालांकि डीएम और एसपी की सूझबूझ से शहर में माहौल नहीं बिगड़ पाए। पुलिस ने दोनों सगे भाइयों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनसे गहनता से पुलिस के अफसर पूछताछ कर रहे हैं।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में यही पता चला है कि माहौल को बिगाड़ने की नियत से दोनों सगे भइयो ने भगवा रंग का चोला पहनकर वारदात को अंजाम दिया। जब दोनों मुस्लिम युवक वारदात को अंजाम देने में लगे हुए थे तभी कुछ राहगीरों ने मजार पर तोड़फोड़ करते देखा। जिसकी वजह से आनन-फानन में बिजनौर डीएम और एसपी ने मौका-ए-वारदात पर पहुंचकर स्थिति को कंट्रोल में करते हुए तुरन्त टूटी तीनों मजारों पर मरम्मत का काम शुरू करा दिया। साथ ही पुलिस ने दोनों आरोपी भाई आदिल और कामिल को गिरफ्तार कर लिया जिनसे सख्ती से पूछताछ की जा रही है।
आरोपी कमाल और आदिल सगे भाई हैं। दोनों ही राजमिस्त्री का काम करते हैं। दोनों ही धार्मिक हैं। जांच में सामने आया है कि यह दोनों देवबंदी फिरके के हैं, जोकि मजारों में विश्वास नहीं रखते हैं। इसी वजह से इन दोनों ने मजारों में तोड़फोड़ की है। हालांकि, दोनों ने तोड़फोड़ के समय भगवा पहन रखा था, जिससे मामले को दूसरा रंग दिया जा सके।
आरोपियों के पिता उस्मान भी मजदूरी का काम करते हैं। कमाल और आदिल के अलावा उनका एक बेटा और है। जिसकी मौत हो चुकी है। कमाल सबसे बड़ा है। उसकी शादी हो चुकी है। उसके चार बच्चे भी हैं। आरोपियों की बहन आयशा ने बताया, “मेरे तीन भाई हैं। एक की मौत हो चुकी है। इसकी वजह से बड़े भाई कमाल डिप्रेशन में चले गए हैं। उनकी दवाएं वगैरह भी चलीं। थोड़ा ठीक हुए तो कुछ दिन पहले उन्हें कुवैत भेज दिया गया। उनकी दिमागी हालत देख कर उन्हें वहां से रिटर्न कर दिया गया। अब वह जब कल गए तो उन्होंने पहले जब मजार तोड़ी तो मेरा छोटा भाई वहां नहीं था। वह बाद में गया। अगर उनका दिमाग सही हाेता तो वह मजार क्यों तोड़ते? आखिर वह भी तो मुसलमान हैं। वह सिर्फ डिप्रेशन में हैं। इस वजह से उन्होंने तोड़ा।