अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और बाघम्बरी मठ के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) के पार्थिव शरीर को मंत्रोच्चार और विधि-विधान के साथ श्री मठ बाघंबरी गद्दी में उनके गुरु के बगल में भू-समाधि दे दी गई.
बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद उनका पार्थिव शरीर श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी लाया गया. फूलों से सजे वाहन पर पार्थिव शरीर रखकर अंतिम यात्रा शहर के मार्गों से होकर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम पहुंची. वहां स्नान कराने के बाद बांध स्थित लेटे हनुमान मंदिर फिर वापस श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी ले जाया गया. यहां वैदिक मंत्रोच्चार के साथ महंत के पार्थिव शरीर को भू समाधि दी गई. अब एक साल तक यह समाधि कच्ची ही रहेगी. इस पर शिवलिंग की स्थापना कर रोज पूजा अर्चना की जाएगी. इसके बाद समाधि को पक्का बनाया जाएगा.
उन्हें पद्मासन मुद्रा में समाधि दी गई है. उन्हें योग की मुद्रा में बैठाया गया. इसके बाद मिट्टी, चंदन, इत्र डाला गया. यही नहीं गुलाब की पत्तियों से पूरे समाधि स्थल को भरा गया. आज गमगीन माहौल में महंत नरेंद्र गिरि को अंतिम विदाई दी गई. इस दौरान बड़े-बड़े संतों ने अपनी अंतिम विदाई दी. पूरी वैदिक परंपरा और सनातन धर्म की परंपरा के मुताबिक उन्हें अंतिम विदाई दी गई. श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में उनके गुरु भगवान गिरी की समाधि के बगल में नींबू के पेड़ के नीचे उन्हें भू-समाधि दी गई.