उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 11 रिक्त सीटों को भरने के लिए नामांकन की प्रक्रिया 24 मई से शुरू हो चुकी है. इस क्रम में समाजवादी पार्टी ने पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के बाद जयंत चौधरी को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है. इसके अलावा खबर है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव आजमगढ़ से लोकसभा का उपचुनाव लड़ सकती हैं.
सपा ने गुरुवार को ऐलान किया कि जयंत चौधरी जी समाजवादी पार्टी एवं राष्ट्रीय लोकदल से राज्य सभा के संयुक्त प्रत्याशी होंगे. राज्यसभा चुनाव के लिए सपा की ओर से बुधवार को कपिल सिब्बल और जावेद अली खान ने नामांकन दाखिल किया था. अटकलें लगाई जा रही थीं कि तीसरे उम्मीदवार के रूप में सपा अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को उतार सकती है. हालांकि, सपा ने साफ कर दिया है कि जयंत चौधरी तीसरे उम्मीदवार होंगे.
राज्यसभा में उत्तर प्रदेश कोटे की 31 में से 11 सदस्यों का कार्यकाल 4 जुलाई 2022 को समाप्त हो रहा है. इन सीटों पर हो रहे चुनाव के लिए बुधवार को नामांकन के दूसरे दिन कपिल सिब्बल ने नामांकन दाखिल किया. इस मौके पर सपा महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, पार्टी विधायक और सिब्बल के परिवार के सदस्य मौजूद थे.
सिब्बल ने राज्यसभा चुनाव में सपा के समर्थन के लिए अखिलेश यादव का आभार जताते हुए कहा कि वह राज्यसभा में यूपी की आवाज उठाते रहेंगे. उन्होंने बताया कि वह 16 मई को ही कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं.
बाद में राज्यसभा के पूर्व सदस्य और संभल के जावेद अली ने सपा उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया. खान (59) 2014 से 2020 तक उच्च सदन में सपा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. पार्टी नेता राम गोपाल यादव, अंबिका चौधरी की मौजूदगी में खान ने नामांकन किया.
खान ने कहा, मैंने सपा उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया है. यह अवसर देने के लिए मैं पार्टी नेतृत्व के प्रति आभारी हूं. उत्तर प्रदेश विधानसभा में 273 विधायकों के साथ सत्ताधारी भाजपा नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन आठ सदस्यों को राज्यसभा भेज सकता है. जबकि सपा गठबंधन (आरएलडी और एसबीएसपी) 125 विधायकों के माध्यम से तीन सीटों पर अपने उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित कर सकता है.
दरअसल, देश के 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों पर हो रहे चुनाव के लिए मंगलवार को अधिसूचना जारी होगी. इसके साथ ही नामांकन दाखिल करने का सिलसिला शुरू हो जाएगा. नामांकन 31 मई तक दाखिल किए जा सकेंगे. राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को अधिकतम 9 सीटें मिल सकती हैं लेकिन अगर सहयोगी दलों ने दरियादिली दिखाई तो यह आंकड़ 10 से 11 तक पहुंच सकता है. इसी के तहत कपिल सिब्बल को यह टिकट दिया गया है.