लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा लखीमपुर जेल से बाहर आ गए हैं. पिछले हफ्ते उन्हें इलाहाबद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ज़मानत दी थी. आशीष को करीब चार महीने पहले गिरफ्तार किया गया था. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया गांव में पिछले साल तीन अक्टूबर को प्रदर्शनकारी किसानों को जीप से कुचलकर मारने का आरोप है.
हाईकोर्ट से जमानत के बाद जिला जज की अदालत से उसकी रिहाई का आदेश मंगलवार सुबह जेल पहुंचा. इसके बाद कागजी कार्यवाही पूरी कर आशीष को रिहा कर दिया गया. आशीष को मुख्य गेट की जगह पीछे के दरवाजे से बाहर निकाला गया. इसके पीछे सुरक्षा को कारण बताया गया. इस दौरान मीडिया ने उनसे बात भी करने की कोशिश की लेकिन वह कार में बैठकर निकल गए.
बता दें कि किसानों को अपनी जीप से कुचलने के आरोपी आशीष मिश्रा को 5 दिन पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से जमानत मिल गई थी। मिश्रा लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में उत्तर प्रदेश की एसआईटी ने 5 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी।
लखनऊ बेंच ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सुनवाई पूरी करने के बाद मिश्रा की याचिका पर 18 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। मिश्रा की ओर से पेश वकील ने अदालत से कहा था कि उनका मुवक्किल निर्दोष है और उसके खिलाफ इस बात का कोई सबूत नहीं है कि उसने किसानों को कुचलने के लिए एक वाहन के चालक को उकसाया था।
याचिका का विरोध करते हुए, अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने कहा था कि घटना के समय मिश्रा उस कार में सवार थे जिसने किसानों को कथित तौर पर अपने पहियों के नीचे कुचल दिया था।
नौ अक्टूबर को हुआ था गिरफ्तार
बता दें कि तीन अक्टूबर को जिले के तिकुनिया इलाके में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी; इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष तथा 15-20 अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था. आशीष को पिछली नौ अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था.
गौरतलब है कि 10 फरवरी को पारित हाईकोर्ट के जमानत आदेश में इन धाराओं का उल्लेख टंकण त्रुटि के चलते नहीं हो सका था. इससे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की रिहाई नहीं हो सकी. रिलीज ऑर्डर को रोक दिया गया था.
हाईकोर्ट से जमानत मिली थी
लखीमपुर हिंसा मामले में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को गुरुवार को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई. ये आदेश जस्टिस राजीव सिंह की एकल पीठ ने दिया. इससे पहले बेल ऑर्डर पर हत्या और साजिश की धाराओं का जिक्र नहीं किया है. जमानत आदेश में धारा 302 और 120बी का जिक्र नहीं किया गया. बताया जा रहा है कि बेल ऑर्डर को संशोधित करने के लिए आशीष मिश्रा के वकीलों को अर्जी देनी पड़ी. इस वजह से उनकी रिहाई अगले सप्ताह 15 फरवरी यानी आज संभव है.