ज्ञानवापी केस में वाराणसी कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने मामला सुनवाई योग्य माना। अब इस पर सुनवाई दो दिसंबर को होगी।
वाराणसी की फास्ट ट्रैक कोर्ट (Varanasi Court) ने अंजुमन मस्जिद कमेटी (Anjuman Masjid Committee) की उस याचिका को गुरुवार (17 नवंबर, 2022) को खारिज कर दिया है, जिसमें मस्जिद परिसर को भगवान विघ्नेश्वर विराजमान (स्वयंभू) के हवाले करने का विरोध किया गया था।
फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज महेंद्र कुमार पांडेय ने मामले की सुनवाई के लिए 2 दिसंबर तय की है। कोर्ट ने कहा है कि यह याचिका सुनवाई योग्य है। हिंदू पक्ष ने कहा है कि कोर्ट का फैसला हमारे हक में है, यह हमारी जीत है।
हिंदू पक्ष के वकील अनुपम दिवेदी ने बताया कि अगली तारीख 2 दिसंबर रखी गई है जब इस मामले में सुनवाई शुरू होगी. विश्व वैदिक सनातन संघ के के कार्यकारी अध्यक्ष संतोष सिंह ने कहा की यह हमारी बड़ी जीत, अब सुनवाई के बाद हमारी मांगे भी मानी जाएंगी यही उम्मीद।
यह मुकदमा विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन की पत्नी किरन सिंह विसेन और अन्य की ओर से दाखिल किया गया है। कोर्ट में हिंदू और मुस्लिम पक्ष अपनी बहस पूरी कर उसकी लिखित प्रति दाखिल कर चुके हैं।
बता दें, इस मामले की सुनवाई बीते 14 नवंबर को सिविल जज सीनियर डिविजन महेंद्र कुमार पांडे की अदालत ने की थी। तब फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था। सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की तरफ से कहा गया था कि जिला जज की अदालत में श्रृंगार गौरी मामला नियमित सिर्फ पूजा को लेकर था, जबकि इस केस में ज्ञानवापी मस्जिद के टाइटल को लेकर है। इसलिए उन्हें पूरी उम्मीद थी कि यह मुकदमा कोर्ट खारिज कर देगा, लेकिन अभी के लिए कोर्ट इस मामले में आगे भी सुनवाई करने जा रहा है।
बता दें, सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष की चार मुख्य मांगे थीं। जिसमें तत्काल प्रभाव से भगवान आदि विश्वेश्वर शंभू विराजमान की नियमित पूजा शुरू करना, पूरा ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को देना, मंदिर के ऊपर बने विवादित ढांचे को हटाना और संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर में मुसलमानों का प्रवेश प्रतिबंधित करना।
अब इन मांगों को माना जाता है या नहीं, ये आने वाले दिनों में सुनवाई के बाद स्पष्ट होगा, लेकिन हिंदू पक्ष के लिए राहत की बात ये है कि कोर्ट इस मामले में अब सुनवाई करने जा रहा है. मुस्लिम पक्ष चाहता था कि सुनवाई ना हो, उस मांग को खारिज कर दिया गया है. वैसे एक तरफ वाराणसी के फॉस्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई होगी, दूसरी तरफ अगले साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट में भी अहम सुनवाई होने वाली है.