कृष्ण जन्माष्टमी के चलते वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. लेकिन देर रात दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ के बीच एक बड़ा हादसा हो गया. ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में वर्ष में एक बार होने वाली मंगला आरती के समय भीड़ के बीच भगदड़ मच गई. मंदिर में भगदड़ मचने से दो की मौत की खबर है और कई लोग घायल बताए जा रहे हैं.
बताया जा रहा है कि जन्माष्टमी की मंगला आरती के दौरान यह हादसा हुआ। मंगला आरती सुबह की सबसे पहली आरती होती है। यह सुबह 3-4 बजे के आसपास होती है। बता दें कि वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में आधी रात के बाद से ही ‘मंगला दर्शन’ की तैयारियां शुरू हो गई थीं। पुजारी ज्ञानेंद्र किशोर गोस्वामी के अनुसार, “यह मंदिर का सबसे शुभ समारोह होता है, जो साल में एक बार आता है।
मंदिर में मौजूद चश्मदीदों के अनुसार, मंगला आरती में भगदड़ के बीच 50 से अधिक लोग गिरकर बेहोश हो गए। SSP अभिषेक यादव के अनुसार, भीड़ बढ़ने से यह हादसा हुआ। मरने वालों में नोएडा की रहने वालीं निर्मला देवी और मप्र के जबलपुर के मूलनिवासी (अभी वृंदावन निवास) राजकुमार के रूप में हुई है।
VIPs को एंट्री देने के कारण हुआ हादसा
मंदिर के सेवादारों का आरोप है कि अधिकारियों ने वीआईपी को पहले दर्शन कराने के लिए दबाव डाला। कई पुलिस अधिकारी अपनी मां को साथ लाए थे। मथुरा रिफायनरी के एक बड़े पुलिस अधिकारी भी अपने 7 परिजनों के साथ मौजूद थे। कहा जा रहा है कि वीआईपी के मेहमानों और परिजनों को छत पर बनी बालकनी से दर्शन कराए जा रहे थे। सिक्योरिटी के मद्देनजर ऊपर के गेट बंद कर दिए गए थे। इससे जब भगदड़ मची, तो लोगों को बाहर निकलने में दिक्कत हुई।
अफसर वीडियो बनाने में थे व्यस्त
हादसे के वक्त मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों का साफ कहना है कि जो कुछ हुआ उसके लिए प्रशासन की व्यवस्थाएं, अफसरों की लापरवाही, VIP कल्चर जिम्मेदार है। जिस वक्त भीड़ बेकाबू थी, उस वक्त अफसर परिवार के साथ बालकनी पर खड़े होकर वीडियो बना रहे थे। वह भी उस मंदिर में, जहां वीडियो शूट करने पर बैन है।
डीएम, एसएसपी और नगर आयुक्त घटना के समय मंदिर में अपने परिवार के साथ मौजूद थे। वो वीडियो बनाने में व्यस्त थे। उस समय नीचे लोग चीख रहे थे। बांके बिहारी मंदिर की ओर जाने वाले किसी भी रास्ते पर भीड़ को रोकने के लिए कोई भी बैरिकेडिंग नहीं की गई थी। भीड़ का सैलाब मंदिर पर उमड़ पड़ा था। ऐसे में दर्शन करने के लिए भीड़ का दबाव बढ़ता गया। अंदर क्षमता से अधिक लोग प्रवेश कर गए।
सीएम के वृंदावन से जाते ही अफसर हुए बेफ्रिक
सिर्फ यही नहीं, सीएम योगी वृंदावन आए थे। बांके बिहारी तो नहीं, लेकिन उन्होंने जन्मभूमि में पूजा की। सीएम योगी के जाते ही अफसर बेफिक्र हो गए। बांके बिहारी मंदिर के सेवायत और श्रद्धालुओं ने बताया कि सीएम के जाते ही भीड़ को कंट्रोल करने वाला कोई नहीं था। पूरे मंदिर परिसर में एंट्री के कहीं पर भी भीड़ को रोकने के लिए कोई बैरिकेडिंग नहीं थी। एक-दो जगह लगी थी, तो वहां भी रोकने के लिए कोई तैनात नहीं था।