उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत की सत्ता बदलते ही नाम बदलने की कवायद भी शुरू हो गई है. अलीगढ़ और मैनपुरी का नाम बदलने की तैयारी चल रही है. अलीगढ़ का नाम बदलकर हरिगढ़ और मैनपुरी का नाम बदलकर मयन ऋषि के नाम पर रखने का प्रस्ताव जिला पंचायत में पास किया गया है. इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी गई है.
सोमवार को हुई जिला पंचायत की बैठक में अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ रखने का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे सर्वसम्मति से पास भी कर दिया गया. साथ ही मैनपुरी जिला पंचायत ने भी जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव पास कर दिया है. अलीगढ़ में जिला पंचायत बोर्ड की हुई मीटिंग में केहरी सिंह और उमेश यादव ने अलीगढ़ का नाम बदलकर ‘हरिगढ़’ रखने का प्रस्ताव रखा था, जिसे सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से पास कर दिया.
वहीं मैनपुरी के नाम बदलने को लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष अर्चना भदौरिया ने मंजूर कर लिया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि मयन ऋषि की पतोभूमि होने के कारण यहां का नाम मयनपुरी रखा गया था. लेकिन गलत भाषा के इस्तेमाल के कारण इसका नाम मैनपुरी पड़ गया. अब देखना यह है कि क्या राज्य सरकार द्वारा इसे मंजूरी दी जाती है. अगर राज्य सरकार इसे पास करती है तो इन जिलों के नाम बदल जाएंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, असल में अलीगढ़ का नाम बदले जाने की मांग काफी पुरानी है. विश्व हिन्दू परिषद ने साल 2015 में अलीगढ़ में प्रस्ताव पास कर कहा था कि अलीगढ़ का प्राचीन नाम हरिगढ़ ही है. इसे बाद में अलीगढ़ कर दिया गया था, इसलिए इसे अलीगढ़ को हरिगढ़ किया जाना चाहिए. वैसे भी देश और यूपी की सियासत में इस जिले और शहर की अपनी अहमियत रही है. कल्याण सिंह ने साल 1992 में मुख्यमंत्री रहते हुए इसका नाम हरिगढ़ करने कोशिश की थी लेकिन उस वक्त केंद्र में कांग्रेस सरकार थी, इसलिए उनकी ये कोशिशें साकार न हो सकीं.
हाल ही में फिरोजाबाद का नाम बदलकर चंद्रनगर किए जाने का प्रस्ताव भी पास हो चुका है. बता दें कि इससे पहले भी उत्तर प्रदेश की सरकार कई बड़े शहरों के नाम बदल चुके हैं. इनमें इलाहाबाद को प्रयागराज और फैजाबाद को अयोध्या करना शामिल है.