प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चीनी मोबाइल फोन निर्माता कंपनी वीवो (Vivo) और उससे जुड़ी अन्य कंपनियों पर छापा मारा है। UP, MP, बिहार, झारखंड, पंजाब और हरियाणा सहित कई राज्यों के 44 जगहों पर इससे जुड़ी फर्मों में तलाशी ली गई है। मनी लॉन्ड्रिंग केस में यह छापेमारी हो रही है। ED की कई टीमें सुबह से अलग-लाग जगहों पर छापेमारी कर रही हैं। इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) भी पहले से जांच कर रही है।
बताया जा रहा है कि ईडी की तरफ से यह कार्रवाई अचानक की गई है। दरअसल, ईडी की तरफ से यह कार्रवाई वीवो और उससे संबंधित कंपनियों या फर्मों पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की गई है। इसी मामले में कंपनी से पहले ही काफी वसूली की जा चुकी है।
कुछ समय पहले ही इसी मामले में वीवो का गुरुग्राम स्थित एचएसबीसी बैंक का खाता अटैच कर एसजीएसटी विभाग ने करीब 220 करोड़ रुपये की वसूली की है। सूत्रों ने यह भी बताया कि यह छापा करोड़ों की कर चोरी के खुफिया इनपुट के आधार पर की गई है। जिसमें कंपनी पर आरोप है कि उसने प्राप्त किए गए राजस्व से कम राजस्व को दिखाया है।
चाइना की अन्य कंपनियों की तरह वीवो भी IT और ED के रडार पर है। अप्रैल में जांच की मांग की गई थी कि क्या वीवो की ऑनरशिप और फाइनेंशियल रिपोर्ट में गड़बड़ी है या नहीं? ED, CBI के साथ कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय भी इन कंपनियों से जुड़े फर्मों पर कड़ी नजर रखे हुए है।
बता दें, चाइनीज फर्म पहले से ही भारतीय जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं। इससे पहले स्मार्टफोन बनाने वाली चीनी कंपनी शाओमी (Xiaomi) पर ED ने छापेमारी की कार्रवाई की थी। इसके बेंगलुरु स्थित ऑफिस से अप्रैल में ED ने 5,551 करोड़ रुपए की रकम जब्त की थी। कंपनी पर अपनी कमाई को गैरकानूनी तरीके भारत से बाहर भेजने का आरोप था। कंपनी ने यह हेराफरी इसी महीने फरवरी में की थी, जिसके बाद संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की गई थी। ED का कहना था कि टेक कंपनी रॉयल्टी के नाम पर इस तरह के बड़े अमाउंट की हेराफेरी चीन में मौजूद अपनी पेरेंट कंपनी के इशारे पर कर रही थी। इसे अमेरिका में मौजूद शाओमी ग्रुप कंपनी को भी भेजा गया था।