तेलंगाना के सीएम और भारत राष्ट्र समित (BRS) प्रमुख के. चंद्रशेखर राव ने आज एक रैली के जरिए शक्ति प्रदर्शन किया. राज्य के खम्मम में BRS ने एक जनसभा का आयोजन किया. जनसभा में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की उपस्थिति में दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल, पंजाब के CM भगवंत मान, केरल के CM पिनाराई विजयन, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और CPI महासचिव डी. राजा शामिल हुए. इससे पहले के. चंद्रशेखर राव ने विपक्षी पार्टियों के नेताओं से बात की थी.
राजनीतिक रूप से इस जनसभा को बहुत अहम माना जा रहा है क्योंकि तेलंगाना राष्ट्र समिति का नाम बीआरएस होने के बाद पार्टी की यह पहली ऐसी रैली है. इसमें आम आदमी पार्टी (AAP), समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और वाम दलों समेत अलग-अलग विपक्षी दलों से नेता शामिल हुए हैं.
बीआरएस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद बी विनोद कुमार ने मंगलवार को कहा था कि हैदराबाद से करीब 200 किलोमीटर दूर खम्मम में ये जनसभा आयोजित होगी. बीआरएस अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर और अन्य नेता बुधवार को खम्मम जाने से पहले हैदराबाद के पास यदाद्री में भगवान लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर पहुंचे थे.
इस रैली से चंद्रशेखर राव दो संदेश देने की कोशिश में हैं. पहला- 2024 में बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट दिखाना. दूसरा- खम्मम शहर आंध्रप्रदेश से सटा हुआ है. यहां रैली करके KCR आंध्रप्रदेश के लोगों को भी साधना चाहते हैं. क्योंकि खम्मम की ज्यादातर आबादी का आंध्रप्रदेश से सीधा कनेक्शन है.
अभी यह साफ नहीं है कि 2024 के आम चुनावों से पहले विपक्ष को एकजुट करने की केसीआर की इस कोशिश में कांग्रेस और टीएमसी समेत अन्य दलों का साथ है या नहीं। केसीआर बीते दिनों बिहार भी आए थे और नीतीश कुमार से मिले थे. बिहार के किसी राजनीतिक दल के यहां न होना भी सवालों के घेरे में है. भाजपा का कहना है कि विपक्ष में हर कोई प्रधानमंत्री बनना चाहता है. यही कारण है कि विपक्ष एकजुट नहीं हो पा रहा है.
एक तरफ कांग्रेस है, जहां राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं. वहीं, भाजपा और नरेंद्र मोदी को हराने के लिए ममता बनर्जी की पार्टी भी एकजुटता पर जोर दे रही है, लेकिन कांग्रेस से उसकी सोच मिलती नहीं दिख रही है.