हैदराबाद, 25 नवंबर । अमेरिका में अडानी ग्रुप पर लगे घूस के आरोपों के बाद तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने कंपनी से 100 करोड़ रुपये का फंड न लेने का फैसला किया है। कंपनी ने कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत यह फंड युवाओं में कौशल क्षमताएं विकसित करने के उद्देश्य से देने की घोषणा की थी।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने सोमवार को राज्य सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राज्य सरकार ने अडानी सहित किसी भी ग्रुप अथवा संगठन से यंग इंडिया स्किल्स यूनिवर्सिटी के लिए कोई पैसा नहीं लिया है।
रेड्डी ने कहा कि अडानी ग्रुप की देशभर में हो रही आलोचना के मद्देनजर यह स्पष्ट किया गया है कि अडानी ग्रुप से दान स्वीकार नहीं किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर अडानी ग्रुप को एक पत्र भी भेजा है। उन्होंने कहा कि अडानी को लेकर कुछ दिनों से पूरे देश में चर्चा चल रही है। कुछ लोग आलोचना कर रहे हैं कि तेलंगाना सरकार को अडानी से फंड मिला।
मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा कि हम नियमानुसार टेंडर बुलाते हैं और प्रोजेक्ट देते हैं। किसी भी कंपनी को देश में कानूनी तौर पर कारोबार करने का अधिकार है, अंबानी, अडानी, टाटा…किसी को भी तेलंगाना में व्यापार करने का अधिकार है। हमने बड़े संकल्प के साथ लाखों बेरोजगारों को तकनीकी कौशल प्रदान करने के उद्देश्य से कौशल विश्वविद्यालय शुरू किया है।
मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा, मेरे कैबिनेट सहयोगी, मैं और सरकार नहीं चाहते कि बड़े इरादों से शुरू की गई यह यूनिवर्सिटी विवादों में रहे। कुछ लोग यह बात फैला रहे हैं कि अडानी ग्रुप स्किल्स यूनिवर्सिटी को दिया गया दान मुख्यमंत्री और मंत्रियों को दिया गया। हमने ग्रुप को एक पत्र भेजकर कहा है कि कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत अदानी ग्रुप द्वारा स्किल्स यूनिवर्सिटी के लिए घोषित 100 करोड़ रुपये ट्रांसफर न करें। राज्य सरकार को अनावश्यक विवादों में न घसीटें।