- केंद्रीय मंत्री ने तेलंगाना स्थापना दिवस पर गोलकुंडा किले पर फहराया राष्ट्रीय ध्वज
हैदराबाद, 02 जून । केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने हैदराबाद के गोलकुंडा किले पर तेलंगाना राज्य के स्थापना दिवस पर शुक्रवार को राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस मौके पर रेड्डी ने राज्य की बीआरएस सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीआरएस सरकार में तेलंगाना कर्ज के बोझ तले दबता जा रहा है। बीआरएस सरकार जनता को धोखा दे रही है।
केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने कहा कि राज्य का कर्ज बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों, भारतीय रिजर्व बैंक से 8 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। आत्मनिरीक्षण करना जरूरी है कि क्या हम राज्य की जनता, तेलंगाना के शहीदों की आकांक्षाओं और पृथक तेलंगाना संघर्ष की आकांक्षाओं पर खरे उतरे हैं? उन्होंने सत्तारूढ़ बीआरएस पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीआरएस अपने चुनावी वादों को पूरा करने में भी विफल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीआरएस के विधायक जमीन हड़पने में जुटे हैं और मुख्यमंत्री एवं मंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना के निर्माण आंदोलन में भाग लेने वाले सभी लोगों के प्रति केंद्र सरकार आभार प्रकट करती है। रेड्डी ने कहा कि प्रथम से द्वितीय चरण तक के तेलंगाना आंदोलन का विश्व में विशिष्ट स्थान है। बच्चों से लेकर छात्रों और बड़ों तक सभी वर्गों ने तेलंगाना के निर्माण के लिए एक ही संकल्प के साथ लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा कि राज्य की आकांक्षा एवं स्वप्न किसी एक व्यक्ति या पार्टी के योगदान से नहीं प्राप्त होगा। इस अवसर पर रेड्डी ने तत्कालीन पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की भूमिका का जिक्र कर कहा कि उनके समर्थन से ही तेलंगाना राज्य की स्थापना हो पाई।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने तेलंगाना राज्य के संघर्ष में अपने प्राणों की आहुति देने वालों के परिजनों को सम्मानित किया। पृथक तेलंगाना राज्य के आंदोलन में 1200 लोग शहीद हुए थे। उन्होंने तेलंगाना में मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति का जिक्र कर राज्य में धर्म पर आधारित आरक्षण को खत्म करने की मांग की।
बीआरएस के प्रमुख एवं मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के वादों का जिक्र कर केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने कहा कि उन्होंने अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया है। मुख्यमंत्री ने अपने चुनावी वादे में कहा था कि वे दलित को मुख्यमंत्री बनाएंगे। राज्य के दलितों को तीन एकड़ जमीन आवंटित किया जाएगा, लेकिन ये वादे अब तक पूरे नहीं हुए।