उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित करोड़ों हिंदुओं की आस्था के प्रतीक भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तारीख 8 मई तय हो गई है. चार धाम यात्रा शुरू किए जाने को लेकर तैयारियों का सिलसिला शुरू हो गया है. चार धाम यात्रा के लिए तैयारियों का जायज़ा लेने के लिए उत्तराखंड प्रशासन (Uttarakhand Administration) में भी हलचलें देखी जा रही हैं.
बद्रीनाथ धाम के रूट और मार्ग में सुरक्षा संबंधी तमाम तैयारियों का जायज़ा लेने के लिए चमोली की एसपी श्वेता चौबे पहुंचीं. उन्होंने बद्रीनाथ धाम के रूट संबंधी प्लान (Badrinath Roadmap) के बारे में चर्चा की, संवेदनशील पॉइंट्स का मुआयना किया और अफसरों को यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की तमाम सुविधाओं का ध्यान रखने के निर्देश दिए.
बद्रीनाथ धाम का मुआयना कर लौटते समय मीडिया से बात करते हुए चौबे ने बताया कि बद्रीनाथ धाम के रूट पर सुरक्षा के लिहाज़ से इंतज़ाम किए जा रहे हैं. चौबे के मुताबिक ‘बाजपुर, चमोली, बिरही चढ़ा समेत हेलांग इलाकों को यात्रा के समय वन वे रूट रखा जाएगा.’
इसके अलावा उन्होंने बताया कि क्षेत्रपाल, पागलनाला, गुलाबकोटी, मारवाड़ी और हेलांग इलाकों को खतरनाक स्पॉट्स के रूप में चिह्नित किया गया है. यात्रा के समय यहां श्रद्धालुओं को आगाह करने के लिए साइनबोर्ड आदि लगवाने के इंतज़ाम होंगे.
तैयारियों का जायज़ा लेने जब श्वेता चौबे पहुंचीं, तो उन्हें और उनकी टीम को पैदल ही धाम तक जाना पड़ा. असल में पिछले कुछ दिनों में यहां जिस तरह बर्फबारी हुई है, रास्ते बर्फ से पूरी तरह ढंके हुए हैं. यहां मौसम सामान्य होने पर रास्तों से बर्फ हटाने का काम भी शुरू करवाया जाएगा.
गौरतलब है कि पिछले साल शीतकाल के लिए नवंबर में बद्रीनाथ के कपाट बंद कर दिए गए थे. जबकि केदारनाथ धाम के कपाट छह नवंबर को बंद हुए थे. गंगोत्री धाम के कपाट 5 नवंबर को अन्नकूट के मौके पर तो यमुनोत्री धाम के कपाट 6 नवंबर को भैया दूज के अवसर पर विधि विधान पूजा अर्चना व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बंद हुए थे.