उत्तराखंड के जोशीमठ में पिछले कुछ दिनों से जमीन धंस रही है। यहां 561 घरों में दरारें आ गई हैं। अब तक 66 परिवार पलायन कर चुके हैं। जमीन धंसने के बाद स्थानीय प्रशासन ने एशिया की सबसे लंबी रोपवे को बंद कर दिया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जल्द ही स्थिति का जायजा लेने क्षेत्र का दौरा करने वाले हैं। इसके साथ ही आज एक एक्सपर्ट्स टीम भी जोशीमठ पहुंच रही है, जो लगातार जमीन धंसने के कारणों का पता लगाएगी। मुख्यमंत्री ने प्रशासन से लोगों को बचाने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए निर्देश दिए हैं।
जोशीमठ में एशिया की सबसे लंबी रोपवे के टावर नंबर 1 के पास भी जमीन घंस गई है, जिसके चलते एशिया की सबसे लंबी रोपवे को बंद कर दिया गया है। वहीं जोशीमठ के मुख्य डाकघर में भी दरारें आ गई हैं, जिसके चलते उसे दूसरी जगह पर शिफ्ट कर दिया गया है। इसके साथ ही लक्ष्मी नारायण मंदिर के आसपास भी बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। स्थानीय प्रशासन ने 8171748602 हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, जिसमें कॉल करके प्रभावित लोग मदद मांग सकते हैं।
उत्तराखंड के जोशीमठ में अब तक 561 घरों में दरारें आ चुकी हैं। इसके साथ ही जगह-जगह पर जमीन के नीचे से तेजी से पानी रिस रहा है। मीडिया रिपोर्ट की माने तो जोशीमठ के कई हिस्से मानव निर्मित व प्राकृतिक कारणों के कारण डूब रहे हैं। जमीन और पहाड़ों में दराने आने का कारण लगातार पेड़ो की कटाई को मांना जा रहा है। इसके साथ ही जोशीमठ में कई जगहों पर खुदाई भी की जा रही हैं, जिसके कारण मकानों व दुकानों में दरारें आ रही हैं।
सरकार की कार्यशैली से नाराज लोगों ने बुधवार को मशाल जुलूस निकालकर प्रोटेस्ट किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जमीन के नीचे से अब पानी का रिसाव हो रहा है। जगह जगह से पानी निकल रहा है। घरों में दरारें आ रही हैं, लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से इसे रोकने के लिए अहम कदम उठाने की मांग की है।
जोशीमठ नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पवार ने कहा कि मारवाड़ी वार्ड में जमीन के अंदर से पानी का रिसाव होने से घरों में बड़ी दरारें आ गई हैं। मैं पूरी स्थिति पर चर्चा करने के लिए सीएम धामी से मिलने देहरादून गया था। ऐसी खबरें आई हैं कि मारवाड़ी वार्ड में जमीन के अंदर से पानी के रिसाव के कारण घरों में दरारें आ गई हैं। शैलेंद्र पवार ने बताया कि इस धंसने से नगर क्षेत्र के 576 घरों के 3000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा, “नगर पालिका द्वारा सभी घरों का सर्वेक्षण किया जा रहा है. कई लोगों ने अपना घर भी छोड़ दिया है।”
जोशीमठ कस्बे में सर्दी का मौसम और भूस्खलन के कारण मकान गिरने का खतरा अब एक प्रमुख मुद्दा बन गया है। जोशीमठ शहर के नौ वार्ड भूस्खलन से व्यापक रूप से प्रभावित हुए हैं। शहर के इलाके में घरों की दीवारों और फर्श में दरारें दिन-ब-दिन गहरी होती जा रही हैं, जो लोगों के लिए खतरे की घंटी है।