उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा की बहुमत के साथ जीत हो रही है. यह उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि कोई पार्टी लगातार दूसरी बार प्रदेश में सरकार बनाएगी. लेकिन मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथ निराशा लगी है. खटीमा विधानसभा सीट से धामी को करारी हार का सामना करना पड़ा है. उनको कांग्रेस के भुवन कापड़ी ने छह हजार से ज्यादा वोटों से हराया है. ऐसे में सवाल उठता है कि उत्तराखंड में अब मुख्यमंत्री कौन बनेगा?
दिलचस्प बात है कि उत्तराखंड में मुख्यमंत्री रहते हुए महज एक ही नेता भगत सिंह कोश्यारी ही अपनी विधायकी बचा सके जबकि बाकी सारे सीएम को सियासी मात खानी पड़ी है. पुष्कर सिंह धामी खटीमा विधानसभा सीट से उतरकर मुख्यमंत्रियों की हार का यह ‘मिथक’ नहीं तोड़ पाए और उन्हें करारी मात खानी पड़ी है.
उत्तराखंड के 21 साल के सियासी सफर में पांचवी बार 2022 में चुनाव हुए हैं. इससे पहले तक चार चुनाव में हर बार सत्ता बदली है, लेकिन इस बार यह परंपरा टूट गई है. बीजेपी ने छह महीने पहले अपने दो सीएम को बदलकर तीसरे मुख्यमंत्री के तौर पर पुष्कर धामी की ताजपोशी जुलाई 2021 में की थी. बीजेपी ने धामी को युवा सीएम के तौर पर सूबे में प्रोजेक्ट कर चुनाव मैदान में उतरी थी. ऐसे में वो बीजेपी को सत्ता में वापसी कराने में कामयाब रहे, लेकिन अभी ही क्षेत्र में वो अपनी सीट नहीं बचा पाए.
भुवन चंद कापड़ी युवा नेता हैं और उत्तराखंड के कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. युवाओं के बीच लोकप्रिय भुवन चंद कापड़ी उत्तराखंड यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वह उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस में जनरल सेक्रेटरी के पद पर भी रह चुके हैं. उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में पुष्कर सिंह धामी को कड़ी टक्कर दी थी लेकिन महज 2709 वोट से हारे गए थे. भुवन कापड़ी को 26,830 वोट मिले थे, जबकि पुष्कर सिंह धामी को 29,539 वोट हासिल हुए थे.
भाजपा रच रही इतिहास
बता दें कि उत्तराखंड में अब तक हुए चार विधानसभा चुनावों का इतिहास दो दशक पुराना है. उत्तराखंड में पिछले चार चुनावों में बारी-बारी से कांग्रेस और भाजपा सत्ता पर काबिज रही हैं लेकिन किसी भी पार्टी ने लगातार दूसरी बार कुर्सी हासिल नहीं की. 2002 के चुनाव में कांग्रेस ने सरकार बनाई तो 2007 में भाजपा ने. इसके बाद 2012 में फिर कांग्रेस सत्ता में आई तो 2017 में फिर भाजपा ने प्रदेश में सरकार बनाई. 2022 में एक बार फिर भाजपा सरकार बनाने जा रही है.