रूस और यूक्रेन के बीच 14 दिन से जंग जारी है, अमेरिका ने रूस पर आर्थिक अटैक किया है जिसका असर पूरे दुनिया पर देखने को मिल सकता है. अलग अलग देशों की पाबंदियां झेल रहे रूस पर अमेरिका ने नया बैन लगाया है.
यूक्रेन पर हमला करने की वजह से अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस से तेल और गैस का आयात बंद करने का फैसला लिया है. हालांकि, इस फैसले को लागू करने से पहले ही अमेरिकी बाजार में इसका असर दिखने लगा. अमेरिका ने ये फैसला ऐसे वक्त पर लिया है जब इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें 140 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर गई है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों से रूस से आयात को खत्म करने की अपील की थी. माना जा रहा है कि अमेरिका ने यह कदम इसी मांग को देखते हुए उठाया है. गंभीर प्रतिबंधों के बावजूद ऊर्जा निर्यात ने रूस में स्थिर नकदी प्रवाह बनाए रखा है.
बाइडन ने मंगलवार की रात (भारतीय समयानुसार) इस निर्णय का एलान करते हुए कहा कि अमेरिका अब रूस से गैस, तेल और एनर्जी नहीं लेगा. उन्होंने कहा कि विभिन्न देशों की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से रूस की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है. इससे उसे और नुकसान होगा.
साथ ही बाइडन ने यह भी कहा कि कई देश अभी यह फैसला नहीं ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि हम इस प्रतिबंध के साथ यह समझते हुए आगे बढ़ रहे हैं कि हमारे कई यूरोपीय सहयोगी और भागीदार हमसे जुड़ने की स्थिति में नहीं होंगे. हम इतिहास के सबसे सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगा रहे हैं.
इस ऐतिहासिक एलान के साथ बाइडन ने यह भी कहा कि अमेरिकी उपभोक्ताओं को भी स्वतंत्रता को बचाने की कीमत चुकानी पड़ेगी. उन्होंने कहा, हम यह फैसला रूसी राष्ट्रपति पुतिन पर और दबाव बढ़ाने के लिए ले रहे हैं लेकिन इसका असर अमेरिकी उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगा.
रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 14 दिनों से युद्ध जारी है. इस युद्ध में अभी तक बड़ी संख्या में लोगों ने जान गंवाई है. युद्ध की वजह से यूक्रेन से 20 लाख से अधिक लोग देश छोड़कर चले गए हैं. युद्ध की शुरुआत करने को लेकर रूस पर कई देशों ने प्रतिबंध लगाए हैं.