रूस और यूक्रेन के सैनिकों के बीच जंग जारी है। दोनों देश आपसी युद्ध में एक-दूसरे को भारी नुकसान करने का दावा कर रहे हैं. इस बीच एक नई रिपोर्ट सामने आई है. जिसमें कहा गया है कि पिछले हफ्ते रूस द्वारा उनके देश पर आक्रमण करने के बाद से यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की को मारने की तीन बार कोशिशें हो चुकी है.
अपने संबोधन में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा था कि दुश्मन ने उन्हें टारगेट नंबर-1 के रूप में चिन्हित किया है. खबरें आई कि पुतिन ने जेलेंस्की की हत्या के लिए 400 चेचेन लड़ाकों की एक टुकड़ी को भेजा था. अब एक रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि रूसी हमला शुरू होने के बाद से तीन बार बार जेलेंस्की की हत्या का प्रयास किया गया था.
द टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अलर्ट मिलने के बाद यूक्रेनी अधिकारियों ने इन हमलों को विफल कर दिया था. रिपोर्ट्स में कहा गया था कि जेलेंस्की की हत्या करने के लिए दो हत्यारे समूहों- वैगनर ग्रुप और चेचेन विद्रोहियों- को भेजा गया था.
वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक एफएसबी (Russia’s Federal Security Service) ने यूक्रेनियों को कादिरोविट्स, चेचेन स्पेस फोर्सेस, की एक यूनिट के बारे में सचेत किया था, जिसे जेलेंस्की की हत्या करने के लिए भेजा गया था.
यूक्रेनी सेना ने रोका हत्यारों का रास्ता
रिपोर्ट में यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा परिषद के सचिव ओलेक्सी डेनिलोव के हवाले से कहा गया कि इन यूनिट्स को ‘तबाह’ कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि चेचेन स्पेशल फोर्सेस को शनिवार को यूक्रेन की राजधानी कीव के बाहरी इलाकों में मार दिया गया था. डेनिलोव ने वॉशिंगटन पोस्ट से बात करते हुए कहा, ‘मैं कह सकता हूं कि हमें एफएसबी से इसकी जानकारी मिली थी, जो इस खूनी संघर्ष में हिस्सा नहीं लेना चाहती है.’ द टाइम्स ने बताया कि खुफिया जानकारी एफएसबी के भीतर युद्ध-विरोधी तत्वों की तरफ से आई थी.
गौरतलब है कि यूक्रेन में युद्ध की शुरुआत में अमेरिका ने जेलेंस्की को देश से सुरक्षित निकालने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया था. यूक्रेन छोड़कर जाने की बजाय उन्होंने अपने सुरक्षा दस्ते और निकटतम सहयोगियों के साथ क्वार्टरों में रूसी बमबारी के बीच कीव में रहने का विकल्प चुना था. उनके इस फैसले की फ्रांस समेत कई देशों ने तारीफ की थी. राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में जेलेंस्की को “सम्मान, स्वतंत्रता और साहस का चेहरा” कहा था.