बांग्लादेश (Bangladesh) में हाल ही में हुई हिन्दू विरोधी हिंसाओं के लिए जिम्मेदार आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. बांग्लादेश के दुर्गा पूजा के पंडालों में हुए हमलों में और हिंसा मामले में बांग्लादेश की कोमिला पुलिस ने हिंसा भड़काने के मुख्य आरोपी इकबाल हुसैन को कॉक्स बाजार (Cox’s Bazar) से गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस ने बताया कि उसी ने कोमिल्ला में दुर्गा पंडाल में कुरान रखी थी, जिसके बाद पूरे देश में हिंदुओं के खिलाफ दंगे शुरू हो गए. बांग्लादेश के दुर्गा पूजा के पंडालों में हुए हमलों में कम से कम तीन लोगों की जान चली गई थी.
पुलिस ने सीसीटीवी से उसकी पहचान कर उसे पकड़ने के लिए अपनी टीमें लगाईं थीं. गुरुवार रात वह पकड़ में आया. वहीं, उसकी गिरफ्तार के बाद परिवार ने कहा है कि इकबाल की मानसिक हालत ठीक नहीं है. किसी दूसरे ने उसकी इस बात का फायदा उठाते हुए कुरान रखने के लिए कहा होगा.
गुरुवार को ही बांग्लादेश की कोमिला पुलिस ने दावा किया था कि सीसीटीवी में हिंसा भड़काने के पीछे जो व्यक्ति जिम्मेदार था, उसकी पहचान कर ली गई है. पुलिस ने इस मामले में 35 साल के इकबाल हुसैन से पूछताछ की थी और फिर बाद में गिरफ्तार कर लिया. माना जा रहा है कि इकबाल ने सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के लिए कुरान की प्रति को पंडाल में रखा और वह इसमें कामयाब भी हो गया.
इससे पहले मंगलवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के निर्देश देश के गृह मंत्री को दिए थे. मंगलवार को उन्होंने गृहमंत्री से कहा था कि वह उन लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई शुरू करें, जिन्होंने धर्म का इस्तेमाल कर हाल में हिंसा भड़काई थीं.
ढाका ट्रिब्यून (Dhaka Tribune) ने पुलिस के हवाले से बताया है कि इकबाल के पास कोई स्थायी नौकरी नहीं है. वह इधर-उधर घूमता रहता है. अभी यह साफ नहीं है कि उसका ताल्लुक किसी राजनीतिक पार्टी से है या नहीं. रिपोर्ट के मुताबिक, इकबाल की मां अमीना बेगम का दावा है कि उसके बेटे को ड्रग्स की लत है और वो अपने ही परिवार के सदस्यों को अलग-अलग तरीकों से परेशान करता रहता था.
बांग्लादेश की कुल आबादी में करीब 10 फीसदी हिंदू हैं. कई जिलों में भड़की हिंसा के संबंध में अब तक 450 लोगों को अरेस्ट किया गया है. यही नहीं सांप्रदायिक हिंसा के 72 मामले दर्ज किए गए हैं. इस हिंसा के दौरान हजारों की संख्या में हिंदुओं के घरों और दुकानों को लूट लिया गया. कई मंदिर और दुर्गा पूजा पंडाल बुरी तरह से बर्बाद हो गए.