अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा हो चुका है. यहां तालिबान के आतंकी सड़कों पर खुलेआम घुम रहे हैं, लूटपाट कर रहे हैं. तालिबान (Taliban) के डर से लोग किसी तरह देश छोड़ने की कोशिश में हैं. अफगानिस्तान से निकलने का सिर्फ एक रास्ता खुला है-काबुल एयरपोर्ट. ऐसे में एयरपोर्ट (Kabul Airport) पर भारी भीड़ जमा हो गई है.
इनमें बहुत से वो अफगानी नागरिक हैं जिनके पास न पासपोर्ट है ना वीजा ना ही उन्हें पता है कि किस देश जाना है, लेकिन ये भारी संख्या में एयरपोर्ट में घुस गए हैं और रन पर खड़े विमानों तक पहुंच गए हैं. इस दौरान अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया. फिलहाल, काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिकी सैनियों का कब्जा है. यहां का पूरा कामकाज अमेरिकी सेना की देखभाल में हो रहा है. खबर है कि इस भीड़ को काबू करने के लिए अमेरिकी सैनिकों ने गोलियां चलाई हैं, जिनमें 5 लोगों के मारे जाने की सूचना है.
एक चश्मदीद ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि पीड़ितों की हत्या गोलियों से की गई या भगदड़ में ये लोग मारे गए हैं. एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि एयरपोर्ट के प्रभारी अमेरिकी सैनिकों (US Troops) ने पहले भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं थीं. हालांकि, अधिकारी ने मौतों पर टिप्पणी करने इनकार कर दिया. तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से ही बड़ी संख्या में लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं. जमीनी सीमाओं के बंद होने के बाद लोगों की भीड़ एयरपोर्ट पर पहुंची, ताकि विमानों के जरिए देश छोड़ा जा सके.
इन घटनाओं के बाद काबुल से कॉमर्शियल उड़ानों को रोक दिया गया है. इसके चलते भारत आने वाली और भारत से काबुल जाने वाली उड़ानों पर भी रोक लग गई है. यानी इस एयरस्पेस का उपयोग करते हुए कोई विमान काबुल के आसमान से नहीं गुजर पाएगा. इसी कारण शिकागो से नई दिल्ली आ रही फ्लाइट को भी यूटर्न लेने को कहा गया और यह विमान वापस लौट गया.
अफगानिस्तान में फंसे हजारों भारतीयों को बड़ा झटका लगा है. अफगानिस्तान का एयरस्पेस बंद हो गया है और एयर इंडिया का कहना है कि इस स्थिति में फ्लाइट्स का संचालन नहीं हो सकता. एयर इंडिया ने पहले सुबह 8:30 बजे दिल्ली से एक विमान काबुल भेजने का फैसला लिया था, जो लोगों को लेकर आता, लेकिन फिर उसे 12:30 बजे के लिए रीशेड्यूल कर दिया गया था. लेकिन काबुल एयरपोर्ट पर फायरिंग और एयरस्पेस बंद होने के बाद उसे भी कैंसल कर दिया गया.
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी कल ही देश छोड़कर भाग गए थे. इसको लेकर उनकी आलोचना भी हो रही है. अशरफ गनी के बाद अब उपराष्ट्रपति अमीरुल्लाह सालेह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने भी देश छोड़ दिया है. इस बीच कजाकिस्तान की सरकार ने कहा कि अशरफ गनी उसके यहां नहीं हैं. इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अशरफ गनी ने भागकर ताजिकिस्तान में शरण ली है.
अशरफ गनी को लेकर ताजा खबर यह है कि ताजिकिस्तान ने उनके प्लेन को दुशांबे में उतरने की अनुमति नहीं दी. फिलहाल, गनी ओमान में हैं और यहां से सीधा अमेरिका जाएंगे. ताजिकिस्तान तालिबान को नाखुश नहीं करना चाहता है, इसलिए गनी के प्लेन को लैंडिंग की अनुमति नहीं दी.