जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की गोली लगने से मौत हो गई है. नारा शहर में उन पर एक शख्स ने पीछे से गोली चला दी थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. बताया गया है कि गोली लगने के बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके चलते उनकी मौत हो गई. NHK चैनल के हवाले से ये जानकारी सामने आई है. शिंजो आबे की मौत के बाद दुनियाभर के तमाम बड़े नेताओं ने दुख जताया है.
आज सुबह ही नारा शहर में एक रैली के दौरान हमलावर ने शिंजो आबे पर हमला कर दिया था और उन्हें दो गोलियां मारी थीं। एक गोली शिंजो आबे की गर्दन और दूसरी उनके सीने पर लगी थी। इसके बाद तुरंत उन्हें एयरलिफ्ट कर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लंबे संघर्ष के बाद भी डॉक्टर शिंजो आबे को बचा नहीं सके।
दरअसल गोली लगने के बाद ही बताया जा रहा था कि उन्हें दिल का दौरा भी पड़ा था और हार्ट ने काम करना बंद कर दिया था। 67 साल के शिंजो आबे को बचाने की पूरी कोशिश की जा रही थी, लेकिन डॉक्टर्स को इसमें सफलता नहीं मिली।
भारत में मनाया जाएगा एक दिन का राष्ट्रीय शोक
शिंजो आबे के निधन पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया है। उन्होंने अपने ट्वीटर अकाउंटर पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा कि, शिंजो आबे के निधन से दुखी हूं, शिंजो आबे मेरे करीबी दोस्तों में से एक थे। शिंजो आबे के निधन पर भारत में 9 जुलाई को एक दिन का राष्ट्रीय शोक मनाया जाएगा।
शिंजो आबे के दादा भी थे देश के पीएम, पिता थे विदेश मंत्री
शिंजो आबे जापान के सबसे लंबे वक्त तक पीएम रहने वाले शख्स थे। वह 2006 से 2007 के दौरान और फिर 2012 से 2020 के दौरान पीएम रहे थे। उनके दादा भी जापान के प्रधानमंत्री थे और फिर उनके पिता भी देश के विदेश मंत्री थे।
शिंजो आबे के परिवार का भी एक समृद्ध इतिहास रहा है, जो दशकों से सत्ता में रहा है। उनके दादा किशि नोबुसुके 1957 से 1960 के दौरान दो बार जापान के पीएम रहे थे। इसके अलावा उनके पिता शिंतारो आबे भी जापान के विदेश मंत्री रह चुके हैं। 1993 में पिता की मौत के बाद शिंजो आबे ने पहली बार जापान के आम चुनाव में उतरने का फैसला लिया था। जापान के पीएम बनने से पहले भी शिंजो आबे का बड़ा सियासी कद रहा है। डिप्टी चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी के तौर पर भी वह तत्कालीन पीएम के साथ उत्तर कोरिया की यात्रा पर गए थे।