अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिका की वापसी के बाद तालिबानी लड़ाको का कब्जा हो गया है. अमेरिका की वापसी के बाद से उन लोगों को काफी परेशानी हो रही है, जो मुल्क छोड़कर बाहर जाना चाहते हैं. क्योंकि अब काबुल का एयरपोर्ट तालिबान के कब्जे में है और अभी कोई अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट नहीं चल रही है. ऐसे में हजारों की संख्या में अफगान नागरिक पाकिस्तान और ईरान के बॉर्डर का रुख कर रहे हैं, ताकि देश से बाहर निकला जा सके. जान बचाने के लिए लोग बॉर्डर पार करके दूसरे पड़ोसी मुल्कों में दाखिल होने की कोशिश कर रहे हैं.
सामाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार काबुल एयरपोर्ट पर तालिबान के कब्जे के बाद हजारों की संख्या में लोग पाकिस्तान के खैबर पास बॉर्डर पर जमा हो गए हैं, वे किसी भी तरह अफगानिस्तान से निकल कर पाकिस्तान जाना चाहते हैं. कुछ ऐसा ही नजारा अफगानिस्तान-ईरान इस्लान काला बॉर्डर पर देखने को मिल रहा है. जानकारी के मुताबिक कहा जा रहा है कि ईरान की सुरक्षा एजेंसियों ने कुछ नियमों में छूट दे रहे है और लोगों को जाने दे रहे हैं.
पाकिस्तान, ईरान और मध्य एशिया के देशों से सटे अफगानिस्तान की सभी सीमाएं स्थलीय हैं. पाकिस्तान में खाइबर पास के पूर्व में स्थित बॉर्डर क्रासिंग तोरखम में एक अधिकारी ने बताया, ”सीमा पर अफगानिस्तान साइड में बड़ी संख्या में लोग गेट खुलने का इंतजार कर रहे हैं।” प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अफगानिस्तान-ईरान के बीच इस्लाम काला बॉर्डर पोस्ट पर भी हजारों की तादात में लोग मौजूद हैं.
अभी तक काबुल का एयरपोर्ट अमेरिका के कंट्रोल में था, तबतक कई देशों ने अपने नागरिकों समेत हजारों अफगान नागरिकों को यहां से रेस्क्यू किया है. करीब सवा लाख से अधिक लोगों ने बीते 15 दिनों में अफगानिस्तान छोड़ा है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल के अंत तक ही पांच लाख से अधिक लोग अफगानिस्तान छोड़ सकते हैं.
वहीं अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट पर कब्जे के बाद अब तालिबान सरकार बनाने की ओर बढ़ रहा है. इसके लिए उसने कई देशों से संपर्क करने की भी कोशिश की है. ब्रिटिश सरकार इस समय तालिबान के साथ बातचीत कर रही है, जिससे अफगानिस्तान में रह गए बाकी ब्रिटिश नागरिकों को सही सलामत देश वापसी करा सके.
तालिबान ने वादा किया था कि 31 अगस्त के बाद भी अगर कोई देश छोड़ना चाहता है, तो वह जा सकता है किसी को जबरदस्ती यहां नहीं रोका जाएगा. ब्रिटेन द्वारा पाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान में अपनी टीमों को तैनात किया गया है जो अफगानिस्तान से ब्रिटिश नागरिकों को वापस लाने में मदद करेंगी.
ब्रिटने का उद्देश्य फिलहाल अफगानिस्तान से अपने लोगों की वापसी कराना है. इसके अलावा अफगान नागरिक ब्रिटेन के साथ जुड़े थे, ब्रिटिश प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे उन्हें भी सेफ रेस्क्यू किया जाएगा.