गुरुवार को अफगानिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कुछ लोग रैली निकाल रहे थे. इसी दौरान देश का झंडा फहराने वाले कुछ लोगों पर तालिबानी लड़ाकों ने गोलियां चला दीं, जिसके बाद भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई. घटना युद्धग्रस्त मुल्क के असदाबाद (Asadabad) शहर में हुई है. इसके साथ ही एक बार फिर से यह साफ हो गया है कि तालिबान भले ही अपनी छवि सुधारने की कितनी भी कोशिश कर ले, लेकिन अब भी खूनखराबे से उसका लगाव बरकरार है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, महिला और पुरूषों ने काबुल में काला, हरा और लाल रंग वाले झंडे (अफगानिस्तान का झंडा) लेकर सड़कों पर निकले. कुनार प्रांत की राजधानी असादाबाद में रैली के दौरान कई लोगों की जान चली गई. कुन्नार प्रांत की राजधानी में चश्मदीद मोहम्मद सलीम ने बताया कि लड़ाकों की गोलीबारी की वजह से लोगों की मौत हुई है या फिर इसके पीछे की वजह यहां मची भगदड़ है. फिलहाल तालिबान की ओर से इस पर कोई बयान जारी नहीं किया गया है. बता दें कि हर साल 19 अगस्त को अफगानिस्तान में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है.
प्रदर्शनकारियों पर हो रही कार्रवाई तालिबान को लेकर नए संदेह खड़ा करेगी, क्योंकि तालिबान ने कहा है कि वो पहले से बदल गया है. काबुल पर रविवार को हुए तालिबान के कब्जे के बाद से ही शहर में शांति है. मगर काबुल एयरपोर्ट पर स्थिति भयावह नजर आ रही है, क्योंकि बॉर्डर क्रॉसिंग पर तालिबान का कब्जा होने के बाद लोग एयरपोर्ट के जरिए ही देश से बाहर निकल सकते हैं. यही वजह है कि विमानों पर चढ़ने के लिए लोग बेकरार नजर आ रहे हैं. एक नाटो और तालिबान अधिकारी ने बताया कि रविवार से अब तक 12 लोगों की एयरपोर्ट पर मौत हो चुकी है. इन लोगों की मौत की वजह गोलीबारी और भगदड़ में कुचले जाना रही है..