दक्षिण अफ्रीका से एक राहत भरी खबर भी सामने आई है। दक्षिण अफ्रीका से ओमिक्रोन वैरिएंट का चरम या पीक अब निकल चुका है. बता दें कि अफ्रीका में ही पहली बार ओमिक्रोन वैरिएंट के मिलने की जानकारी सामने आई थी। यहां से ही ये दूसरे देशों में फैला था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अब तक 90 से अधिक देशों में इसके मामले सामने आ चुके हैं.
बहरहाल, दक्षिण अफ्रीका से अच्छी खबर आ रही है। यहां सरकार ने ऐलान किया है कि देश में ओमिक्रोन संक्रमण अपने पीक यानी सर्वोच्च स्तर पर जाकर अब नीचे आ रहा है। इसके साथ ही देशभर में तत्काल प्रभाव से नाइट कर्फ्यू हटा लिया गया है। नए साल के आखिरी दिन पूरी दुनिया के लिए यह उम्मीद की किरण है। संदेश यही है कि जब तक इस महामारी का पीक नहीं आ जाता, तब तक कोरोना गाइडलाइन का पालन करें।
रिपोर्ट्स के मुताबिक हाल के दिनोंं में कोरोना और ओमिक्रोन की वजह से अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में पहले के मुकाबले काफी कमी आई है। 25 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह के दौरान इस बात को देखा गया है कि जहां इससे पहले के सप्ताह में देश में 127753 मामले सामने आए थे वहीं इस बार ये 89781 थे।
गुरुवार को एक सरकारी बयान में कहा गया है कि दक्षिण अफ्रीका ने तत्काल प्रभाव से लोगों की आवाजाही पर आधी रात से सुबह 4 बजे तक कर्फ्यू हटा लिया है। सरकार मान रही है कि देश ने ओमिक्रॉन से आई चौथी कोविड -19 लहर के चरम को पार कर लिया है।
दक्षिण अफ्रीका सरकार के मंत्री मोंडली गुंगुबेले ने इस बारे में प्रेस विज्ञप्ति जारी की। इसके अनुसार, देश ने महामारी का सामना करने के लिए लगातार जांच और टीकाकरण का सहारा लिया अभी दक्षिण अफ्रीका में कोविड-19 अलर्ट सबसे निचले स्तर पर है।
गुरुवार को हुई विशेष कैबिनेट बैठक के एक बयान में कहा गया, सभी संकेत बताते हैं कि देश ने राष्ट्रीय स्तर पर चौथी लहर को पार कर लिया है। सरकार ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 25 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में नए मामलों की संख्या में 29.7% की कमी देखी गई।
इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका में सार्वजनिक आंदोलनों पर से भी प्रतिबंध हटा दिया है। नए नियम के मुताबिक, बंद कमरे या हॉल में 1000 और बाहर 2000 लोग सभाएं कर सकते हैं। इसके अलावा शराब की दुकानें रात 11 बजे के बाद भी खुल सकेंगी। हालांकि, कुछ शर्तें जरूरी लागू की जाएंगी। सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य है।
दक्षिण अफ्रीकी सरकार के एक बयान में कहा गया कि ओमिक्रॉन वैरिएंट अन्य वैरिएंट से काफी गुना ज्यादा संक्रामक है। इसके बावजूद पिछली कोरोना लहर की तुलना में इस बार अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या कम रही।