नीति आयोग के शासकीय परिषद की सातवीं अहम बैठक रविवार को हुई। राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में हो रही इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए। बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, जी-20, स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा के क्रियान्वयन के साथ ही देश को तिलहन-दलहन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने व शहरी प्रशासन के मामले पर विचार-विमर्श हुआ।
नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों से फसल विविधीकरण पर ध्यान देने को कहा। बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का संघीय ढांचा और सहकारी संघवाद कोविड संकट के दौरान दुनिया के लिए एक मॉडल के रूप में उभरा है। हमें इसे और मजबूत करना होगा। गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बाद नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि भारत खाद्य तेल में आत्मनिर्भर हो।
NITI आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने बताया कि PM मोदी ने भारत में पोस्ट कोविड पर नीति आयोग की बैठक से उनकी अपेक्षा पर महत्वपूर्ण बातें कही। जिस तरह से केंद्र और राज्यों ने कोविड के दौरान एक दूसरे के साथ मिलकर निर्णय लिए उस पर भी चर्चा की। उन्होंने 2047 के लिए भारत के लक्ष्य के बारे में बात की।
नीति आयोग के CEO परमेश्वरन अय्यर ने कहा कि यह एक उपयोगी बातचीत थी (नीति आयोग की 7वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में), जहां मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों ने अपने राज्यों से सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रस्तुत किया। NEP 2020, G20 और निर्यात के महत्व पर प्रस्तुतियां दी गईं।
नीति आयोग ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कृषि विविधीकरण के महत्व को व्यक्त किया और कहा कि खाद्य तेलों में विशेष रूप से आत्मनिर्भर होने की आवश्यकता है। हम आयात से खाद्य तेल की अपनी कुल मांग का लगभग आधा हिस्सा पूरा कर रहे हैं। कुल मिलाकर राज्य काफी सहयोगी थे और इस पहलू पर काम कर रहे हैं।