टेन में सबसे लंबे वक्त तक राज करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का गुरुवार को 96 साल की उम्र में निधन हो गया. महारानी ने करीब 7 दशक तक ब्रिटेन की राजगद्दी पर शासन किया. उनके निधन के साथ ही ब्रिटेन के इतिहास में किसी शासक के सबसे लंबे समय तक किए गऐ शासन का अंत हो गया है.
महारानी के निधन से ब्रिटेन समेत कई देशों में शोक की लहर है और भारत में भी एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया गया है. गृह मंत्रालय की ओर से देश में रविवार के राजकीय शोक का ऐलान किया गया है. गृह मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि दिवंगत गणमान्य व्यक्ति के सम्मान में भारत सरकार ने फैसला किया है कि 11 सितंबर को पूरे भारत में राजकीय शोक का एक दिन होगा.
बयान में जिक्र किया गया है कि शोक की वजह से सभी सरकारी इमारतों में फरहाया जाने वाला राष्ट्रीय ध्वज महारानी के सम्मान में आधा झुका रहेगा और उस दिन कोई आधिकारिक मनोरंजन नहीं होगा. महारानी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें अपनी ओर से श्रद्धांजलि दी और शोक जताया है.
पीएम मोदी ने कहा कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय एक ऐसी कद्दावर हस्ती थीं, जिन्होंने अपने देश और लोगों को प्रेरणादायी नेतृत्व दिया. साल 2015 और साल 2018 में महारानी के साथ अपनी यादगार मुलाकातों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय सार्वजनिक जीवन में गरिमा और शालीनता की प्रतिमूर्ति रहीं. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं उनकी गर्मजोशी और उदारता को कभी नहीं भूल सकता हूं. एक भेंट के दौरान उन्होंने मुझे वह रुमाल दिखाया जो उनकी शादी के मौके पर महात्मा गांधी ने उन्हें गिफ्ट किया था. उनके इस व्यवहार को सदा पसंद करता हूं.’
एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद उनके सबसे बड़े बेटे प्रिंस चार्ल्स ब्रिटेन के नए महाराज और राष्ट्रमंडल देशों के नए राष्ट्राध्यक्ष के रूप में महारानी के अंतिम संस्कार और श्रद्धांजलि कार्यक्रम की अगुवाई करेंगे. महारानी का पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा जैसा कि एक सम्राट की निधन के बाद परंपरा रही है. यह भी उम्मीद है कि जनता के अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर को रखा जाए. प्रिंस चार्ल्स तृतीय आने वाले दिनों में अंतिम योजनाओं पर साइन करेंगे.
96 वर्षीय महारानी उम्र संबंधी समस्याओं से पीड़ित थीं और उन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में स्कॉटलैंड में नयी प्रधानमंत्री लिज ट्रस की नियुक्ति सहित अपनी यात्रा में कटौती की थी. एलिजाबेथ द्वितीय छह फरवरी 1952 को अपने पिता किंग जॉर्ज षष्ठम की मृत्यु के बाद महारानी बनीं. अगले वर्ष वेस्टमिंस्टर एबे में उनका राज्याभिषेक हुआ. उनका 70 साल का शासन महारानी विक्टोरिया के शासन काल से सात साल ज्यादा था.