पाकिस्तान में सिंध प्रांत के संघार जिले में उपद्रवी भीड़ ने एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की और भगवान कृष्ण की मूर्ति तोड़ दी. यह घटना मंदिर में एक धार्मिक समारोह के दौरान हुई, जो जन्माष्टमी के त्योहार को मनाने के लिए आयोजित किया जा रहा था. घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है. इलाके में पुलिसकर्मी तैनात हैं. अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर ऐसी कई तस्वीर साझा की गईं जिसमें देखा जा सकता था कि कैसे श्रद्धालु के साथ मारपीट की जा रही है.
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सदस्य लाल मल्ही ने ट्वीट कर मंदिर को अपवित्र किये जाने और मूर्ति को तोड़े जाने की कड़ी निंदा की. उन्होंने मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘खिप्रो-सिंध में मंदिर को अपवित्र किये जाने और भगवान कृष्ण की मूर्ति को तोड़े जाने की कड़ी निंदा करता हूं. कानून लागू करने वालों को मंदिरों और देवी-देवताओं पर बार-बार होने वाले हमलों को रोकने के लिए तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए.
पाकिस्तानी एक्टिविस्ट राहत ऑस्टिन ने ट्वीट किया, ‘जब लोग कृष्ण जन्माष्टमी मना रहे थे तभी हिंदू देवी-देवताओं के अपमान के मकसद से खिप्रो संघर में एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की गई. पाकिस्तान में इस्लाम के खिलाफ ईशनिंद के फर्जी आरोप में भी मॉब लिंचिंग या मौत की सजा हो जाती है लेकिन गैर-मुस्लिमों देवी-देवताओं के खिलाफ अपराध की कोई सजा नहीं.
मालूम हो कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हिंदुओं और हिंदू मंदिर पर हमले की घटना आम है. इस महीने की शुरुआत में, लाहौर से लगभग 590 किलोमीटर दूर रहीम यार खान जिले के भोंग शहर में सैकड़ों लोगों ने एक हिंदू मंदिर को क्षतिग्रस्त कर दिया था.