रूस के यूक्रेन पर हमले को लेकर विश्व के कई देश खासे नाराज हैं. इस बीच कई देशों ने विरोध करते हुए रूस पर कडे प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. लेकिन इन सबको नजरअंदाज करते हुए रूस अपने रूख पर कायम है और यूक्रेन के कई शहरों पर ताबड़तोड़ हमलों को अंजाम दे रहा है. अमेरिका, यूरोप में पुतिन के खिलाफ रोज प्रदर्शन चल रहे हैं। कुछ पोस्टर्स में पुतिन को ’21वीं सदी का हिटलर’ बताया गया।
अब फ्रांस की राजधानी पेरिस स्थित गेविन म्यूजियम ने भी पुतिन की तुलना हिटलर से की है। यहां पर पुतिन का एक वैक्स स्टैच्यू लगा हुआ था जिसे हटा दिया गया है। म्यूजियम के निदेशक ने न्यूज एजेंसी AFP से बातचीत में कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले के चलते उन्होंने यह फैसला किया है। गेविन म्यूजियम के डायरेक्टर ने कहा, ‘हमने गेविन म्यूजियम में कभी भी हिटलर जैसे तानाशाहों को नहीं रखा, आज हम पुतिन को नहीं रखना चाहते।’
पुतिन को सबक सिखाएंगे – बाइडन
यूक्रेन पर हमला करने को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस के राष्ट्रपति को सीधी चुनौती दी है। उन्होंने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को सबक सिखाने का वादा किया है। अपने पहले ‘स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधन’ में बाइडन ने कहा, ‘पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ बिना उकसावे वाला युद्ध छेड़ा। इसकी प्लानिंग पहले से चल रही थी।
पुतिन जैसे तानाशाह दूसरे देश पर हमले की कीमत चुकाएंगे। हम सभी को मिलकर यूक्रेन का साथ देना है। हमें समझना होगा कि एक रूसी तानाशाह के दूसरे देश पर हमला करने के मायने पूरी दुनिया के क्या हैं। इतिहास से हमने यह सबक सीखा है कि जब किसी तानाशाह को अपनी आक्रामकता की कीमत नहीं चुकानी पड़ती है, तो वह और ज्यादा खतरनाक होने लगता है।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में शांति और स्थिरता लाने के लिए नाटो का गठन किया गया था। अमेरिका सहित 29 अन्य देश नाटो के सदस्य हैं। इसकी ताकत मायने रखती है। अमेरिकी कूटनीति मायने रखती है।’