रूस-यूक्रेन संकट के बीच एक बड़ी खबर आ रही है. यूक्रेन के शहरों पर ताबड़तोड़ हमले कर रहे रूस ने अपने कदम पीछे खींचे हैं। संकट में फंसे लोगों को निकालने के लिए रूस की ओर से यूक्रेन के दो शहरों, मारियुपोल और वोल्नोवाखा में सीजफायर का एलान किया गया है। इसके तहत कहा गया है कि जब तक यहां फंसे हुए लोगों को निकाल नहीं लिया जाता है तब तक रूस की तरफ से कोई हमला नहीं किया जाएगा.
इससे पहले कहा गया था कि रूस की सेना कीव के काफी नजदीक आ गई थी। ये सीजफायर आज सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा। यूक्रेन की पोर्ट सिटी मारीपोल से 11 बजे से लोगों को निकालने का काम शुरू हो चुका है। यहां पर करीब साढ़े चार लाख लोग हैं। वहीं वोल्नोवाखा में करीब 21 हजार लोग हैं। हमले के बाद इन दोनों शहरों में पानी और बिजली की काफी किल्लत हो गई है। यूक्रेन में तापमान बेहद कम है जिसके चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
मारियुपोल के मेयर वादिम बॉयचेंको ने कहा कि युद्धविराम बिजली और पानी की आपूर्ति की बहाली के साथ-साथ सेल फोन सेवा पर काम शुरू करने की अनुमति देगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय अधिकारी भोजन और प्राथमिक चिकित्सा किट देने की भी कोशिश करेंगे। यूक्रेन की तरफ से वार्ताकार टीम के एक सदस्य मिखाइल पोडोलीक ने पहले पुष्टि की थी कि दोनों पक्षों ने नागरिकों को निकालने के लिए अस्थायी रूप से सहमति की बात की है।
रूस ने पिछले हफ्ते यूक्रेन में ‘सैन्य अभियान’ शुरू किया था। उसने तर्क दिया था कि वह डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक (डीपीआर) और पड़ोसी लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक (एलपीआर) का बचाव कर रहा था। यह दोनों 2014 के बाद यूक्रेन से अलग हो गए थे। इस बीच, यूक्रेन ने कहा कि हमला पूरी तरह से अकारण था और उसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील की है।
रूसी अधिकारियों के मुताबिक कॉरिडोर के खुलने से मारियुपोल और वोल्नोवख शहरों के लोगों को मारियुपोल सहित दूसरे इलाकों को खाली करने में मदद मिलेगी। रूसी सेना ने इस युद्धविराम की घोषणा से पहले मारियुपोल को चारों तरफ से ब्लॉक कर दिया था, जिसकी वजह से यहां के लोगों को जरूरत का सामान भी नहीं मिल पा रहा था।
24 फरवरी से रूसी मिसाइलें यूक्रेन पर बरस रहीं
रूस और यूक्रेन के बीच जारी गतिरोध की शुरुआत कई महीनों पहले हुई थी, लेकिन 24 फरवरी 2022 को रूसी राष्ट्रपति के एक आदेश के बाद यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई शुरू हो गई थी। इससे पहले महीनों तक रूस ने यूक्रेन को चारों तरफ से घेर लिया था। यूक्रेन की इस कार्रवाई का अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों ने विरोध भी और उस पर ग्लोबल स्विफ्ट पेमेंट सिस्टम समेत तमाम प्रतिबंध लगाए, लेकिन रूसी फौज नहीं रुकीं। यूक्रेन की राजधानी कीव और खारकीव समेत कई शहरों में रूस ने कब्जा कर लिया है।