उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh News) में होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Elections) से पहले भारतीय जनता पार्टी को एक के बाद एक कई बड़े झटके लग रहे हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद बीजेपी सरकार के एक और मंत्री दारा सिंह चौहान ने इस्तीफा दे दिया है. वह भी स्वामी की तरह ओबीसी समुदाय से आते हैं.
राज्यपाल को अपना त्यागपत्र भेजकर दारा सिंह चौहान (Dara Singh Chauhan) ने अपना इस्तीफा दिया है और इस्तीफा देने के कारणों का भी पत्र में उल्लेख किया है. दारा सिंह चौहान ने अपने इस्तीफे में लिखा कि योगी आदित्यनाथ के कैबिनेट में वन, पर्यावरण और जंतू उद्यान मंत्री के रूप में मैंने पूरे सहयोग से अपना विभाग की बेहतरी के लिए कार्य किया, लेकिन सरकार की पिछड़ों, वंचितों, दलितों, किसानों और बेरोजगार नौजवानों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के साथ-साथ पिछड़ों और दलितों के आरक्षण के साथ जो खिलवाड़ हो रहा है, उससे आहत होकर मैं उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे रहा हूं.
सबसे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने योगी कैबिनेट से मंगलवार को इस्तीफा देकर उत्तर प्रदेश के सियासी तापमान को बढ़ाया था. जैसे ही स्वामी के इस्तीफे की बात सामने आई, तभी से इस बात की अटकलें तेज हो गईं कि भाजपा से अभी कई और नेताओं का इस्तीफा हो सकता है.
सूत्रों ने दावा किया था कि भाजपा के करीब एक-दो मंत्री और पांच-छह विधायक इस्तीफा दे सकते हैं और सभी सपा ज्वाइन कर सकते हैं. फिलहाल, दारा सिंह चौहान सपा ज्वाइन करेंगे या नहीं, अभी इसे लेकर अपने सियासी पत्ते नहीं खोले हैं.
स्वामी प्रसाद मौर्य की तरह दारा सिंह चौहान भी बीजेपी में आने से पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेता थे. 2015 में वह बसपा का साथ छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे. तीन बार के सांसद को तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बीजेपी की सदस्यता दिलाई थी. चौहान को ओबीसी मोर्चा का अध्यक्ष भी बनाया गया. मधुबन विधानसभा सीट से जीतने के बाद उन्हें योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया.