एक साल से कम के 249 बच्चे संक्रमित
पुणे। कोरोना की तीसरी लहर में छोटे बच्चों पर संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा बताया जा रहा है. इसको ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य में कुछ बालरोग विशेषज्ञों से चर्चा कर बच्चों के लिए एक स्वतंत्र टास्क फोर्स तैयार करने का निर्णय लिया है. हालांकि थर्ड वेव से पहले ही पुणे में छोटे बच्चों में बड़ी तादाद में कोरोना संक्रमण पाया गया है.
पिछले साल के आंकड़े देखें तो पुणे में सवा दो लाख बच्चों की कोरोना टेस्टिंग की गई. इनमें से एक साल से कम के 249 बच्चों में कोरोना संक्रमण पाया गया. इस बात को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने छोटे बच्चों का ध्यान रखने की सलाह दी है.
दूसरी और तीसरी लहर में छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और युवाओं में कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा होने पर गौर करते हुए राज्य में बालरोग विशेषज्ञों की टास्क फोर्स जल्दी ही काम शुरू कर देगी. अस्पतालों में बेड्स की संख्या बढ़ाने, बच्चों के लिए वेंटिलेटर्स जुटाने, आईसीयू के बेड्स पर्याप्त मात्रा में तैयार रखने जैसी सुविधाएं तैयार रखने का निर्देश राज्य सरकार द्वारा दिया जा चुका है.
पुणे में देश का पहला चाइल्ड कोविड केयर हॉस्पिटल
पुणे में तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखते हुए मनपा अलर्ट मोड पर है. पुणे में देश का पहला चाइल्ड कोविड केयर हॉस्पिटल तैयार किया जा रहा है. येरवडा के राजीव गांधी अस्पताल में यह चाइल्ड कोविड केयर हॉस्पिटल तैयार किया जा रहा है. यहां 200 ऑक्सिजन बेड की व्यवस्था की जा रही है. इस हॉस्पिटल के लिए चार करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है. मनपा की अतिरिक्त आयुक्त रूबल अग्रवाल के मुताबिक अगले डेढ़ महीने में यह काम करने लगेगा.
औरंगाबाद में छोटे बच्चों का कोविड अस्पताल
पुणे की तरह ही औरंगाबाद मनपा की ओर से भी छोटे बच्चों के लिए कोविड अस्पताल तैयार किया जा रहा है. औरंगाबाद के एमजीएम परिसर में 100 बेड्स का कोविड बाल अस्पताल तैयार किया जाना है. छोटे बच्चों के साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए भी 50 बेड्स का अस्पताल तैयार किया जा रहा है. अगले दस से पंद्रह दिनों में यह अस्पताल काम करने शुरू कर देगा. कोरोना की तीसरी लहर के लिए औरंगाबाद मनपा ने पूरी तरह से कमर कस ली है.