उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में धर्मांतरण कराने वाले एक गिरोह के खुलासे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा है कि जो भी लोग इस मामले में संलिप्त हैं उनके खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई कर उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) में निरूद्ध करने के भी आदेश दिए। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण कराने वालों की संपत्ति जब्त कर सख्त कार्रवाई की जाए।
बता दें कि यूपी एटीएस ने सोमवार को जबरन धर्मांतरण कराने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। दिल्ली से संचालित यह गिरोह बड़ी संख्या में लोगों का धर्मांतरण पैसा, शादी और नौकरी का लालच दे कर करा चुका है। सोमवार को लंबी पूछताछ के बाद दो लोगों को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया। इसमें एक का नाम मुफ्ती जहांगीर आलम है और दूसरे का नाम उमर गौतम है। इन लोगों ने एक हजार से अधिक लोगों का धर्मांतरण कराया है जिसमें अधिकतर हिंदुओं को मुस्लिम बनाया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जो भी लोग इस मामले में संलिप्त हैं उनके खिलाफ गैंगस्टर लगाएं, NSA(रासुका) में निरुद्ध किया जाए। उनकी प्रॉपर्टी जब्त करने की कार्रवाई की जाए।
यूपी एटीएस को धर्मांतरण की साजिश के पीछे पाकिस्तान (Pakistan) की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) की फंडिंग के सबूत भी मिले हैं. एटीएस इनकी छानबीन कर रही है। एटीएस दोनों को अदालत से पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी, ताकि उसके रैकेट का खुलासा हो सके।
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि मूक बाधिर छात्रों व कमजोर आय वर्ग के लोगों को धन, नौकरी व शादी करवाने का लालच देकर धर्मांतरण कराया जा रहा था। इसका खुलासा गाजियाबाद के डासना से गिरफ्त में आए दो युवकों विपुल विजय वर्गीय और काशिफ की गिरफ्तारी से हुआ। एटीएस ने इस पूरे मामले की छानबीन की। दोनों युवकों की निशानदेही पर जहांगीर और उमर गौतम को पूछताछ के लिए लखनऊ मुख्यालय बुलाया गया था। सोमवार को लंबी पूछताछ के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्होंने बताया कि लखनऊ के एटीएस थाने में उनके व उनकी संस्था इस्लामिक दावा सेंटर व अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी, साजिश, धार्मिक वैमनस्य फैलाने, किसी धर्म को अपमानित करने सहित विभिन्न आरोपों में मामला दर्ज किया गया है.