महाराष्ट्र के रायगढ़ (Raigad) में एक बहुत बड़ी दुर्घटना हुई है. रायगढ़ के महाड (Mahad) स्थित तलीये गांव में चट्टान खिसकने से 38 लोगों की मौत हो गई है. इसके अलावा अब भी 30 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है।
जिला कलेक्टर निधि चौधरी के अनुसार, रायगढ़ जिले में भूस्खलन और बाढ़ से 36 लोगों की मौत हो गई है। इनमें से 32 लोग तलाई से और सखार सुतार वाड़ी से 4 लोगों की मौत की खबर है जबकि 30 लोग अभी भी फंसे हुए हैं। बचाव कार्य में लगे अधिकारियों का कहना है कि इन गांवों से अब तक 15 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। लेकिन अब भी 30 से ज्यादा लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। इसके चलते मौतों का आंकड़ा बढ़ने का भी डर है।
इलाके में बीते दो दिनों से रोड और रेल नेटवर्क बाधित है। आवाजाही ठप होने और कनेक्टिविटी न रहने के चलते राहत और बचाव कार्य में भी मुश्किल आ रही है। इसके अलावा कुछ इलाकों में एयरफोर्स को भी बचाव कार्य में लगाया गया है। एयरफोर्स ने कई लोगों को एयरलिफ्ट करके निकाला है।
इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रायगढ़ की इस दुर्घटना को लेकर दुख और संताप व्यक्त किया है. साथ ही मृतकों के परिवार वालों के लिए 2-2 लाख रुपए राहत और घायलों के लिए 50-50 हजार की मदद का ऐलान किया है. पीएमओ द्वारा ट्विट कर इसकी जानकारी दी गई है. ट्विट कर जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने लिखा है कि महाराष्ट्र में अत्यधिक बरसात से उत्पन्न परिस्थिति पर नजर रखी जा रही है और हर संभव सहायता पहुंचाई जा रही है.
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने राज्य में बारिश से जुड़ी घटनाओं में मारे गए लोगों के वारिसों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। ऐसी घटनाओं में घायलों का इलाज सरकार वहन करेगी।कई जगहों पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, भूस्खलन की संभावना वाले स्थान से लोगों को स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया है।
इसी बीच एक अन्य ऐसी ही दुखद और बड़ी दुर्घटना सातारा (Satara) के आंबेघर में हुई है. यहां भी चट्टान खिसकने से 12 लोगों की मोत होने की आशंका है. मूसलाधार बरसात की वजह से पाटन के पास स्थित आंबेघर गांव में यह बड़ी दुर्घटना हुई है. गृहराज्य मंत्री शंभुराज देसाई के मुताबिक पिछले 40 सालों में इतनी ज्यादा बरसात नहीं हुई.
इस बीच रत्नागिरी (Ratnagiri) के चिपलून में पोसरे-बौद्धवाडी गांव में भी चट्टान खिसकने से 17 लोग मलबे में दबे हुए हैं. हेलिकॉप्टर की मदद से बचाव कार्य शुरू है. इसी तरह खेड तालुका (प्रखंड) में भी धामणंद गांव में चट्टान खिसकने से 17 घर दबे हुए हैं. इस बीच उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर बातचीत कर भारतीय सेना की मदद मांगी है. उन्होंने सभी जिलों के संरक्षक मंत्रियों और जिलाधिकारियों से अपने जिले में ही बने रहने का निर्देश दिया है और-और अपने जिले को छोड़ कर जाने से मना किया है.