- नांदेड़ के अस्पताल में चार दिन में 51 मरीजों की मौत
मुंबई, 5 अक्टूबर । नांदेड़ जिले के शंकरराव चव्हाण अस्पताल में मरीजों की मौत के मामले में अस्पताल के डीन (प्रमुख) डॉ. श्यामराव वाकोड़े व अन्य के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है। इसी बीच पिछले 24 घंटे में इस अस्पताल में तीन बच्चों सहित 14 लोगों की मौत हुई है। अब तक पिछले चार दिन में केवल इस अस्पताल में 51 मरीजों की मौत हो चुकी है।
नांदेड़ जिले के अतिरिक्त एसपी अभिनास कुमार के अनुसार नांदेड़ ग्रामीण पुलिस स्टेशन में अस्पताल के डीन और अन्य के विरुद्ध आईपीसी की धारा 304 और 34 के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई है। मामला एक पीडि़ता से जुड़ा है, जिसने दो दिन पहले अपने नवजात बच्चे को खो दिया था और बुधवार को उसकी मां का निधन हो गया। शिकायत में मडिकल संबंधी कोई लापरवाही का कोई आरोप नहीं लगाया गया है। शिकायत व्यक्तिगत और प्रशासनिक लापरवाही की है। इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय मेडिकल कमेटी का गठन किया है।
इस मामले में अस्पताल के डीन डॉ. श्यामराव वाकोड़े ने मीडिया को बताया कि मैंने भी मीडिया में देखा है कि ऐसा मामला दर्ज किया गया है, लेकिन मेरे पास कोई आधिकारिक कागजात उपलब्ध नहीं है।
चव्हाण अस्पताल में अपनी बेटी और पत्नी गंवा चुके कामाजी टोम्पे ने मीडिया को बताया कि उनकी गर्भवती महिला अंजलि वाघमारे को 30 सितंबर को प्रसव के लिए नांदेड़ के शंकरराव चव्हाण अस्पताल में भर्ती कराया था। अगले दिन उसकी नॉर्मल डिलीवरी हुई। उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया। शुरुआत में डॉक्टरों ने कहा था कि दोनों की सेहत ठीक है, लेकिन दो दिन बाद डॉक्टर ने मां और बच्चे की हालत गंभीर बताते हुए ब्लड बैग और अन्य दवाएं मंगाईं। दवा और ब्लड बैग पर 45 हजार खर्च हुए। यह दवाइयां लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन कोई डॉक्टर और नर्स नहीं मिले थे। इसकी शिकायत डॉ. श्याम वाकोड़े से करते हुए इलाज का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। गाली-गलौज कर बाहर निकाल दिया। इसके बाद शनिवार को बच्चे की मौत हो गई और बुधवार दोपहर इलाज के दौरान पत्नी अंजलि वाघमारे की भी मौत हो गई। कामाजी टोम्पे ने आरोप लगाया है कि मेरी बेटी की मौत डॉक्टरों की लापरवाही के कारण हुई है और उन्होंने अस्पताल के डीन और अन्य के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया है। इस मामले की गहन छानबीन जारी है।