जिस समय हुई थी Nikita Tomar की हत्या, 5 महीने बाद उसी समय उसके हत्यारों को सुनाई गई सजा
निकिता तोमर मर्डर केस (Nikita Tomar Murder Case) में फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला आ गया है. बल्लभगढ़ के बहुचर्चित निकिता तोमर हत्याकांड मामले में फरीदाबाद की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोषी करार दिए गए तौसीफ और उसके दोस्त रेहान को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। जबकि तीसरे आरोपी अजरुद्दीन को बरी कर दिया गया है.
दोनों ही दोषियों को आज कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया गया था। सजा के ऐलान से पहले अदालत परिसर को पूरी तरह छावनी में तब्दील कर दिया गया था। अदालत के सभी गेटों पर भारी पुलिस बल तैनात था।
इस मामले को 26 मार्च को पूरे पांच माह हो गए हैं। आज से ठीक 5 महीने पहले 26 अक्टूबर 2020 को दोपहर 3:45 बजे फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में कॉलेज से लौट रही निकिता तोमर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. अब 5 महीने बाद उसी समय उसके हत्यारों को सजा सुनाई गई.
कोर्ट का फैसला आने से पहले निकिता तोमर की मां ने कहा कि दोषियों को फांसी की सजा ही होनी चाहिए. इससे कम कुछ भी मंजूर नहीं है. ऐसे अपराधी समाज में रहने लायक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अगर इन लोगों को फांसी नहीं होती है तो ये फिर से अपराध करेंगे.
निकिता तोमर के पिता मूलचंद तोमर ने दोषियों को फांसी की सजा मिलने की उम्मीद जताते हुए कहा कि हमें न्यायपालिका पर भरोसा है। अगर कातिलों को फांसी की सजा सुना दी जाएगी तो मैं विश्वास करूंगा कि सभी का बलिदान और मेहनत सफल हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि दोषी उनकी बेटी का धर्म परिवर्तन करा कर शादी करना चाहते थे, लेकिन जब वह नहीं मानी तो उसकी हत्या कर दी गई।
निकिता के पिता ने कहा कि मैं सरकार से निराश हूं क्यूंकि हरियाणा में ‘लव जिहाद’ पर कानून नहीं बना. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वादा किया था कि वह कानून बना रहे हैं, लेकिन अभी तक नहीं बनाया गया। उन्होंने सरकार से निकिता को सम्मान देने की मांग की ताकि उसे याद रखा जाए।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि बीकॉम ऑनर्स की छात्रा निकिता की 26 अक्टूबर 2020 को अग्रवाल कॉलेज के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या की साजिश का आरोप सोहना निवासी तौसीफ, नूंह निवासी रेहान और अजरुद्दीन पर लगा था, जिसके बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया था। निकिता के मर्डर की पूरी वारदात CCTV में कैद हो गई थी. 27 अक्टूबर को पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था.
पुलिस ने आरोपी तौसीफ और उसके दोस्त रेहान को गिरफ्तार किया था. इसके बाद तौसीफ के एक और दोस्त अजरुद्दीन को गिरफ्तार किया गया. अजरुद्दीन पर देसी कट्टे का इंतजाम करने का आरोप था. जांच में तेजी दिखाते हुए पुलिस ने 11 दिन के भीतर ही चार्जशीट फाइल कर दी.
पुलिस ने चार्जशीट में 64 लोगों को गवाह बनाया. फास्ट ट्रैक कोर्ट होने की वजह से करीब हर रोज इस मामले की सुनवाई हुई. फरवरी महीने में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की गई. सप्लीमेंट्री चार्जशीट में पुलिस ने 10 अन्य लोगों को गवाह बनाया. ट्रायल के दौरान पीड़ित पक्ष की ओर से 55 गवाहों की गवाही ली गई. बचाव पक्ष ने भी 2 गवाह अदालत में पेश किए थे. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने आज अपना फैससा सुना दिया.