समाज में लोगों की सोच इतनी घिनौनी और घटिया हो गई है कि महिलाएं और बेटियां अब कहीं भी सुरक्षित नहीं है. हरियाणा के गुरुग्राम से ऐसा ही एक शॉकिंग मामला सामने आया है. हरियाणा के गुरुग्राम में रहने वाली एक युवती ने बताया कि कैसे एक ऑटोरिक्शा ड्राइवर ने उसे अगवा करने की कोशिश की. इस पूरी वारदात को युवती ने अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा किया है.
ट्विटर अकाउंट पर बयां किया दर्द
युवती ने बताया कि अपनी जान बचाने के लिए उसे चलते हुए ऑटोरिक्शा से कूदना पड़ा. पीड़िता ने अपने ट्विटर अकाउंट पर उस पल और अपना दर्द बयां किया है. लिखा-वो दिन मेरी जिंदगी के लिए का सबसे डरावना था, जिसे कभी नहीं भूल सकती हूं.
दरअसल, यह शर्मनाक मामला गुड़गांव के सेक्टर 22 का है. जहां एक लड़की रविवार को घर जाने के लिए एक ऑटो में बैठी थी. इसी दौरान रिक्शा ड्राइवर ने जानबूझकर ऑटो को गलत दिशा में मोड़ दिया और सुनसान इलाके में ले जाने लगा. लड़की ने इसका विरोध किया और चिल्लाई तभी उसने रोकने की बजाय रफ्तार तेज कर दी. वह पूछती रही किधर जा रहे हो, ये रास्ता मेरे घर का नहीं है, लेकिन उनसे कोई जवाब नहीं दिया. क्योंकि आरोपी के मन में कुछ और ही चल रहा था.
मेरी जिंदगी के सबसे डरावने दिनों में से एक था
पीड़िता ने अपना दर्द बयां करते हुए ट्वीट कर लिखा, “रविवार का दिन मेरी जिंदगी के सबसे डरावने दिनों में से एक था. क्योंकि मुझे लगभग अगवा कर ही लिया गया था. मैं नहीं जानती, वह क्या था, लेकिन कल जो भी हुआ उसे याद करके अब भी मेरे रोंगटे खड़े हो रहे हैं. दोपहर को लगभग 12:30 बजे, मैंने घर जाने के लिए सेक्टर 22 की मार्केट से एक ऑटो लिया जो मेरे घर से लगभग सात मिनट की दूरी पर है.
उसने आगे लिखा, “मैंने ऑटोरिक्शा ड्राइवर से कहा कि मैं उसे PayTM से पेमेंट करूंगी, क्योंकि मेरे पास नकद राशि नहीं थी. उसे देखने से प्रतीत हो रहा था कि वह उबर के लिए ऑटो चलाता था. पेमेंट की बात करने के बाद मैं ऑटो में बैठ गई.’
युवती ने अगले ट्वीट में लिखा, “हम एक टी-प्वाइंट पर पहुंचे, जहां से मेरे घर वाले सेक्टर के लिए दाएं मुड़ना था. लेकिन वह बाईं ओर मुड़ गया… मैंने उससे … पूछा कि आप बाएं क्यों मुड़ रहे हो… उसने नहीं सुना, और वह जोर-जोर से ऊपर वाले (मैं धर्म का जिक्र नहीं करना चाहती, क्योंकि यह किसी धर्म से जुड़ा नहीं है) का नाम लेने लगा.”
हड्डी-पसली टूटेंगी और क्या..फिर लगा दी छलांग
उसने आगे लिखा, “मैं एकदम से चीखी- भैया, मेरा सेक्टर दाईं तरफ था, आप ऑटो बाईं तरफ में क्यों लेकर जा रहे हो.उसने जवाब नहीं दिया और काफी ऊंची आवाज में ऊपर वाले का नाम लेता रहा. मैंने उसके बाएं कंधे पर 8-10 बार मारा भी, लेकिन इससे भी उसे कोई फर्क नहीं पड़ा. उस वक्त मेरे दिमाग में सिर्फ एक खयाल आया कि बाहर कूद जाओ. उस समय ऑटो की स्पीड 35-40 (क्लोमीटर प्रति घंटा) थी, और इससे पहले कि वह और स्पीड बढ़ाता, मेरे पास बाहर कूद जाने के अलावा कोई चारा नहीं था. मैंने सोचा, गायब हो जाने से हड्डियों का टूट जाना बेहतर रहेगा. और मैं चलते हुए ऑटो से बाहर कूद गई. मैं नहीं जानती, इतनी हिम्मत मेरे अंदर कहां से आ गई.”
युवती ने एक ट्वीट में यह भी लिखा कि लोगों की मदद से किसी तरह गुड़गांव के पालम विहार के पुलिस स्टेशन पहुंची और पुलिस अधिकारी जितेंद्र यादव को पूरी कहानी बताई. लेकिन में जल्दबाजी में ऑटो नंबर नहीं ले पाई थी. हालांकि पुलिस ने कहा कि हम सीसीटीवी की मदद से उसे तलाश लेंगे.