नाशिक। पिछले एक साल से जिले में जारी कोरोना के कहर से अनाथ हुए बच्चों की शिक्षा के लिए अब नवचेतना उपक्रम शुरू किया गया है। इससे शिक्षा बाधित होने वाले विद्यार्थियों को दोबारा शिक्षा के प्रवाह में लाने की योजना है। नासिक के उद्योगपति तथा सारस्वत बैंक के स्थानीय निदेशक हेमंत राठी के नेतृत्व में यह योजना शुरू की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि जिले में कोरोना का प्रादुर्भाव लगातार बढ़ता जा रहा है. अभी तक तीन हजार से भी अधिक नागरिकों की मृत्यु हुई है. कोरोना से परिवार के माता-पिता की मृत्यु होने से बच्चों की शिक्षा खंडित हो रही है। इसके चलते अनाथ विद्यार्थियों के सामने काफी परेशानी हो रही है. इसको ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष हेमंत राठी ने आगे आते हुए संदीप फाउंडेशन के प्राचार्य प्रशांत पाटिल, नीमा के पूर्व अध्यक्ष मधुकर राम बनकर व अन्य कुछ समाजसेवियों के साथ, शिक्षा से वंचित होने वाले विद्यार्थियों के लिए नवचेतना योजना शुरू की है.
हेमंत राठी ने कहा कि माता-पिता की मृत्यु के बाद अनाथ हुए बच्चों का विश्वास बढ़ाने के साथ विद्यार्थियों का भविष्य उज्जवल बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है.