मल्टीप्लेक्स शो टैक्स में बढ़ोत्तरी पर ‘ब्रेक’ हंगामे के बीच स्थायी समिति ने नहीं दी मंजूरी सदस्यों का विरोध- प्रशासन को प्रस्ताव वापस मुंबई- मनपा के अंतर्गत आने वाले अधिकार क्षेत्र में चलने वाले सुपर डिलक्स मल्टीप्लेक्स पर की जाने वाली कर शुल्क वृद्धि पर आखिर ब्रेक लग गया है. मनपा के प्रस्तावित शुल्क बढ़ोत्तरी से मनोरंजन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजनों पर लटकी तलवार अंततः म्यान में वापस चली गयी है. इससे इनके मालिकों ने राहत की सांस ली है. गौरतलब हो कि मनपा ने सुपर डीलक्स मल्टीप्लेक्स के प्रत्येक शो पर पहले के कर 60 रूपये को बढ़ाकर एक हजार रूपये करने के प्रस्ताव को स्थायी समिति में दिया था। बुधवार को स्थायी समिति के सदस्यों ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि कोरोना के कारण थियेटर, नाटक व सिनेमा उद्योग क्षेत्र के लोग काफी मुश्किल में हैं। इसके बाद स्थायी समिति अध्यक्ष यशवंत जाधव ने प्रस्ताव पर रोक लगाते हुए शुल्क वृद्धि प्रस्ताव को प्रशासन के पास वापस भेज दिया। मल्टीप्लेक्स की कमाई को देखते हुए प्रशासन ने इस टैक्स को काफी कम बताया और टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव किया था। प्रशासन का कहना है कि मल्टीप्लेक्स में एक इमारत में ही अनेक पर्दे लगे होते हैं और एक साथ शो चलते हैं। यहां एक टिकट का दाम 200 रूपये से 1500 रुपये तक होते हैं। जबकि इनसे सिर्फ 60 रूपये टैक्स के रूप में वसूले जाते हैं जो काफी कम है। इसलिए बीएमसी ने प्रत्येक पर्दे के लिए 1000 रूपये टैक्स वसूलने का प्रस्ताव तैयार किया। सभागृह नेता विशाखा राउत ने कहा कि पिछले सात महीने से सिनेमा हाल का क्षेत्र कई मुश्किलों का सामना का रहा है, लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. उन्होंने प्रस्ताव मंजूर न किए जाने के लिए उप सूचना रखी जिसे सभी दलों ने समर्थन दिया, जिससे यह प्रस्ताव मंजूर नहीं हो सका।