बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद (Sonu Sood) की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. सोनू सूद के घर पर इनकम टैक्स की छापेमारी की कार्रवाई तीसरे दिन खत्म हुई. जिसके बाद विभाग ने प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि अभिनेता सोनू सूद 20 करोड़ से ज्यादा की टैक्स चोरी में शामिल पाए गए हैं. सूत्रों ने दावा किया है कि विभाग को छापेमारी के दौरान टैक्स की बड़ी हेराफेरी (Tax Evasion) के पुख्ता सबूत मिले हैं.
छापों के बाद CBDT (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) ने बताया कि बॉलीवुड एक्टर और उनके सहयोगियों के परिसरों की तलाशी के दौरान, टैक्स चोरी से जुड़े सबूत मिले है. खबर है कि आयकर विभाग की टीम ने मुंबई, लखनऊ, कानपुर, जयपुर, दिल्ली और गुरग्राम में एक साथ रेड डाली है.
आयकर विभाग के मुताबिक, टीम को जांच के दौरान करीब 20 करोड़ की टैक्स चोरी का पता चला है. टैक्स की हेरफेरी सोनू सूद के पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी हुई है. बता दें कि सर्च के दौरान आयकर विभाग की टीम को 1 करोड़ 8 लाख रुपये कैश बरामद हुए हैं, जबकि 11 लॉकर्स के बारे में भी पता चला है.
जानकारी के मुताबिक फिल्मों से मिली फीस में भी टैक्स की बड़ी गड़बड़ी देखी गई है. इन अनियमित्ताओं के बाद अब इनकम टैक्स विभाग सोनू सूद की चैरिटी फाउंडेशन के अकाउंट्स की भी जांच कर रही है. आयकर विभाग के मुताबिक एक्टर ने अपनी बेहिसाब आय को फर्जी कंपनियों के ज़रिए रूट किया है. अब तक की जांच में टीम को 20 फर्जी एंट्री का पता चला है.
सोनू सूद के खिलाफ लगाए गए आरोपों के अनुसार, कोरोना महामारी से प्रभावित लोगों की मदद के लिए सोनू सूद चैरिटी फाउंडेशन बनाया गया. जिसने पिछले साल जुलाई में कोविड की पहली लहर के दौरान 18 करोड़ रुपये से अधिक का डोनेशन जुटाया था. इस साल अप्रैल तक, उसमें से 1.9 करोड़ रुपये राहत कार्यों पर खर्च किए गए हैं और बाकी के बचे 17 करोड़ रुपये नॉन प्रॉफिट बैंक में बिना इस्तेमाल के रखे गए हैं.
इनकम टैक्स विभाग के मुताबिक, जांच की इसी कड़ी में लखनऊ में सोनू सूद के करीबी कारोबारी की इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रुप के कई ठिकानों पर भी रेड की गई है. सोनू सूद ने भी इस ग्रुप के कई रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में इन्वेस्टमेंट किया है, जिससे हुई कमाई को छिपाने के आरोप भी उन पर लगे हैं. तफ़्तीश में पता चला है कि ये ग्रुप भी बोगस बिलिंग के जरिए करोड़ों रुपये की हेराफेरी कर चुका है.
आयकर विभाग की टीम ने ऐसे करीब 65 करोड़ रुपये की हेराफेरी से जुड़े कागजात बरामद किए हैं. इसके साथ ही ये भी पता चला है कि करोड़ो रुपये का कैश और डिजिटल ट्रांसजेक्शन भी इस इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रुप ने किया है, जिसको एकाउंट बुक में दर्शाया नहीं गया है. 175 करोड़ रुपये इस कंपनी ने जयपुर की एक फर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रुप में भी इन्वेस्टमेंट दिखाकर कर चोरी की कोशिश की है.
बताते चलें कि कोरोना काल में 48 वर्षीय सोनू सूद और उनके साथियों के द्वारा बड़ी संख्या में लोगों की मदद की गई थी. लोगों की खासी प्रशंसा हासिल करने के बाद वह पिछले दिनों अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करने पहुंचे थे. इसके अलावा वह दिल्ली सरकार के मेंटॉर कार्यक्रम के ब्रांड अंबेसडर भी बने थे. इसके बाद सोनू सूद के खिलाफ हुई कार्रवाई पर राजनीतिक बयानबाजी का दौर भी जारी है.