दिल्ली की केजरीवाल सरकार की मुसीबतें एक बार फिर बढ़ सकती हैं. दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने नई एक्साइज पॉलिसी के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की है. दरअसल, आरोप हैं कि केजरीवाल सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी के जरिए शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया है.
बताया जा रहा है कि एलजी वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के बाद सीबीआई जांच की सिफारिश की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नई एक्साइज पॉलिसी में नियमों की अनदेखी कर टेंडर दिए गए. इस रिपोर्ट में मनीष सिसोदिया की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं.
दरअसल, दिल्ली का एक्साइज विभाग मनीष सिसोदिया के अधीन है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस नीति के जरिए कोरोना के बहाने लाइसेंस की फीस माफी की गई. शराब कारोबारियों को टेंडर में 144.36 करोड़ की छूट दी गई. इतना ही नहीं एक्साइज पॉलिसी पर LG ने CBI जांच की सिफारिश की, कोरोना के बहाने शराब माफियाओं को 144 करोड़ का लाभ पहुंचाने का आरोप हैं.
एलजी की ओर से सीबीआई जांच की सिफारिश दिल्ली सरकार को 48 घंटों के भीतर दूसरा झटका है. एलजी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिंगापुर दौरे वाली फाइल को वापस कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक, ने फाइल लौटाते हुए सलाह भी दी कि मुख्यमंत्री को सिंगापुर समिट में नहीं जाना चाहिए, क्योंकि यह मेयरों की कॉन्फ्रेंस है और एक मुख्यमंत्री का उसमें शामिल होना उचित नहीं है.
आरोपों पर क्या बोली आप?
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, 2016 में जब हमारी सरकार को 1 साल हुए थे, तब भी केंद्र सरकार घबराई थी और कोशिश हुई कि केजरीवाल सरकार के काम रोके जाएं. तब के एलजी को प्रधानमंत्री कार्यालय से निर्देश मिला और शिंगलु कमेटी बनाकर हमारे 400 फाइलों की जांच हुई लेकिन कुछ नहीं निकला. अब पंजाब की जीत के बाद भाजपा और PM मोदी AAP से और अरविंद केजरीवाल से घबराए हुए हैं. आज देश के या किसी राज्य के शिक्षा मंत्री का नाम किसी को नहीं पता होगा, लेकिन दिल्ली के शिक्षा मंत्री का नाम बच्चा बच्चा जानता है. ऐसे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आज फंसाने की कोशिश हो रही है. केंद्र सरकार के इशारे पर CBI की जांच के आदेश दिए गए हैं. हजारों करोड़ों लूटने वाले माल्या, ललित मोदी को केंद्र सरकार ने भगा दिया, उनपर कोई कार्रवाई नहीं हुई लेकिन मनीष सिसोदिया जैसे आदमी के पीछे अब ये पड़े हैं.
क्या है नई शराब नीति
दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत निजी तौर पर चलने वालीं 260 दुकानों समेत सभी 864 शराब की दुकानें खुली निविदा के जरिए निजी कंपनियों को वितरित की गई हैं. नई व्यवस्था से दिल्ली सरकार खुदरा शराब के व्यापार से बाहर हो जाएगी. शराब की दुकानें अब कम से कम 500 वर्ग फुट क्षेत्र में खोली गई हैं. दुकानें अब वातानुकूलित व सीसीटीवी से लैस हैं. हालांकि दिल्ली सरकार तर्क देती रह है कि नई दुकान की वजह से सड़क पर भीड़ नहीं लगेगी, क्योंकि शराब की बिक्री दुकानों के भीतर ही की जाएगी. नई आबकारी नीति के तहत 2,500 वर्ग फीट के क्षेत्रफल वाले 5 सुपर-प्रीमियम रिटेल आउटलेट्स खोले गए हैं, जहां शराब पीने की भी सुविधा है.