प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘शांति, एकता और विकास रैली’ में शामिल होने के लिए असम पहुंचे. उन्होंने कार्बी आंगलोंग जिले के दीफू में अमृत सरोवर प्रोजेक्ट और 7 नए कैंसर अस्पतालों की आधारशिला रखी. मंच पर पहुंचने से पहले प्रधानमंत्री रैली का सुरक्षा घेरा तोड़कर वहां मौजूद लोगों और बच्चों से हाथ मिलाते नजर आए.
PM मोदी ने कहा- ये सुखद संयोग है कि आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब हम इस धरती के महान सपूत लचित बोरफुकान की 400वीं जन्मजयंती भी मना रहे हैं. उनका जीवन राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रशक्ति की प्रेरणा है. कार्बी आंगलोंग से देश के इस महान नायक को मैं नमन करता हूं. पहले यहां बम और गोलियों की आवाज सुनी जाती थी और आज यहां तालियां बज रही हैं, जयकारा गूंज रहा है.
रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘मुझे जब-जब आपके बीच आने का मौका मिला है, आपका भरपूर प्यार, आपका अपनापन देखकर ऐसा लगता है कि जैसे ईश्वर का आशीर्वाद मिल रहा है. इतनी बड़ी संख्या में आप लोग यहां आए हैं, वो भी अपनी परंपरागत वेशभूषा में आए हैं, इसके लिए मैं आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं.’
संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा- असम की स्थाई शांति और तेज विकास के लिए जो समझौता हुआ था, उसको जमीन पर उतारने का काम किया जा रहा है. भाजपा की डबल इंजन सरकार युवाओं को नए अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है. असम में 2600 से ज्यादा अमृत सरोवर बनाने का काम चल रहा है। यह जन भागीदारी से किया जा रहा है.
2014 के बाद से नॉर्थ ईस्ट में मुश्किलें कम हो रही हैं, लोगों का विकास हो रहा है. आज जब कोई असम के जनजातीय क्षेत्रों में आता है, नॉर्थ ईस्ट के दूसरे राज्यों में जाता है, तो हालात को बदलते देखकर उसे भी अच्छा लगता है. आपने मुझे समझा है और दिल से समझाया भी है। आपके सपने को पूरा करने के लिए हम भी जुटे हैं और आप भी जुटे हैं, मिलकर पूरा करेंगे.
उन्होंने कहा, ‘नॉर्थ ईस्ट में सरकार और समाज के सामुहिक प्रयासों से जैसे-जैसे शांति लौट रही है, वैसे-वैसे पुराने नियमों में भी बदलाव किया जा रहा है. लेकिन बीते 8 सालों के दौरान स्थाई शांति और बेहतर कानून व्यवस्था लागू होने के कारण हमने AFSPA को नॉर्थ ईस्ट के कई क्षेत्रों से हटा दिया है.’
उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास की भावना के साथ आज सीमा से जुड़े मामलों का समाधान खोजा जा रहा है. असम और मेघालय के बीच बनी सहमति दूसरे मामलों को भी प्रोत्साहित करेगी. इससे इस पूरे क्षेत्र के विकास की आकांक्षाओं को बल मिलेगा. बोडो अकॉर्ड हो या फिर कार्बी आंगलोंग का समझौता, लोकल सेल्फ गवर्नेंस पर हमनें बहुत बल दिया है. केंद्र सरकार का बीते 7-8 साल से ये निरन्तर प्रयास रहा है कि स्थानीय शासन की संस्थाओं को सशक्त किया जाये, अधिक पारदर्शी बनाया जाए.