प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मोरबी पहुंच गए हैं और उन्होंने हादसे वाली जगह का मुआयना किया। पीएम मोदी के साथ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी भी मौजूद रहे। हर्ष सांघवी ने घटनास्थल पर पीएम मोदी को पूरी जानकारी दी कि घटना कैसे हुई और कैसे बचाव कार्य को अंजाम दिया जा रहा है।
इसके बाद पीएम मोदी ने राहत-बचाव कार्य में लगे सभी टीमों से भी मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी ने बचाव कार्य में लगे स्थानीय लोगों से भी मुलाकात की। इसके बाद पीएम मोदी सीधे मोरबी के सिविल अस्पताल रवाना हो गए, जहां उन्होंने घायलों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने घायलों को आश्वाशन दिया कि घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गुजरात के मोरबी में रविवार को हुए केबल ब्रिज हादसे में अब तक 135 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 100 से ज्यादा घायल लोगों का इलाज मोरबी के सिविल अस्पताल में अभी भी जारी है।
पुलिस ने मच्छु नदी पर तारों का पुल टूटने के मामले में सोमवार को ओरेवा समूह के चार कर्मियों समेत नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया। ब्रिटिश काल के दौरान बने इस पुल के रख-रखाव और संचालन का ठेका ओरेवा समूह को मिला था। मोरबी नगर निगम ने शहर के ही घड़ियां और ई-बाइक बनाने वाली कंपनी ओरेवा ग्रुप को मच्छु नदी पर बने शताब्दी पुराने तारों से बने पुल की मरम्मत का काम सौंपा था।
नगर निगम के सोमवार को मिले दस्तावेजों के अनुसार, ओरेवा ग्रुप को 15 साल तक पुल की मरम्मत करने, उसका संचालन करने और 10 से 15 रुपये प्रति टिकट मूल्य पर टिकट बेचने की अनुमति थी।
आजादी से पहले मोरबी के शासक बाघजी ठाकुर द्वारा 1887 में बनवाए गए इस केबल पुल को मरम्मत पूरी होने के बाद 26 अक्टूबर को मीडिया के सामने ओरेवा ग्रुप के जययसुख पटेल और उनके परिवार ने जनता के लिए खोल दिया। पुल टूटने के बाद मोरबी नगर निगम के मुख्य अधिकारी संदीपसिंह जाला ने दावा किया कि मरम्मत करने वाली कंपनी ने पुल को जनता के लिए खोलने से पहले निगम से ‘अनुमति’ प्रमाणपत्र नहीं लिया था।