हाईकोर्ट ने बढ़ाई जवाब देने की अवधि
मुंबई- दादर के प्रभादेवी स्थित श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर न्यास द्वारा नियमों के विपरीत जाकर राज्य सरकार को दी गयी निधि पर राज्य सरकार और सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट को एफिडेविट पर उत्तर देने की अवधि तीन हप्ते तक के लिए बढ़ा दी गयी है. मुंबई उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार न्यास को तीन हप्ते तक की मोहलत दी है. इस मामले की अगली सुनवाई दीवाली के बाद की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि कोरोना संकट को देखते हुए राज्य सरकार की शिवभोजन थाली योजना के लिए मंदिर ट्रस्ट द्वारा 5 करोड़ रुपये देने के लिए 19 मार्च को जीआर निकाला गया था. उसके बाद 25 जून को जीआर के माध्यम से मुख्यमंत्री सहायता निधि के लिए 5 करोड़ रुपये न्यास द्वारा हस्तांतर करने की अनुमति दी गयी थी. श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर न्यास (प्रभादेवी) के नियम 1980 में दी गयी व्यवस्था के अनुसार सरकार को या सरकारी योजना के लिए न्यास की निधि नहीं दी जा सकती। इसके बावजूद भी मंदिर व्यवस्थापन समिति ने अवैध तरीके से निधि प्रदान की. गोरेगाव में रहने वाले लीला रंगा ने इसके खिलाफ एक जनहित याचिका दाखिल की है, जिस पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायमूर्ती दीपांकर दत्ता व न्यायाधीश गिरीश कुलकर्णी की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता के वकील की अनुपस्थिति में सरकारी वकील ने एफिडेविट पर जवाब देने के लिए तीन हप्ते का समय मांगा। जिस पर अदालत ने मोहलत दी है.