विकास और सुधार के लिए अब सत्ता परिवर्तन जरूरी: भाजपा
विरार:- मां जीवदानी की चरणों में बसी उपनगरीय वसई विरार शहर के उत्तर में वैतरना नदी, दक्षिण में वसई खाड़ी तथा पश्चिम में अरबसागर की खाड़ी के अलावा घने जंगलों के बीच बसे तुंगार की ऊंची पहाड़ी के कारण यह शहर एक पर्यटक स्थल के रूप में जाना जाता है, लेकिन इन दिनों इस वसई विरार शहर ने अपनी पहचान गड्ढों के शहर, या फिर अवैध बांधकामों के शहर के रूप में बना रखा है.
3 जुलाई 2009 को वसई विरार शहर मनपा की स्थापना हुई थी, उस वक़्त आयुक्त के रूप में विराजमान किशोर बोर्डे के बाद वर्तमान में इस कुर्सी पर आयुक्त गंगाधरन डी. विराजमान है. इस कार्यकाल के बीच कई आयुक्त बदले गए, लेकिन अगर कुछ नहीं बदला तो वह इस शहर के हालात, ना ही यहां की सड़के गड्ढामुक्त हुई ना ही अवैध निर्माण रुके. शहर का जो नजारा पहले था, वहीं आज भी कायम है. इस शहर की सड़कों के मरम्मत को लेकर मनपा की ओर से हरवर्ष करोड़ो का ठेका दिया जाता है, लेकिन स्थानीय सत्ताधारियों एवं कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से किए गए विकासकार्य हर वर्ष बरसाती पानी में बह जाते है. लेकिन इस मामले को लेकर आजतक प्रशासन की ओर से सम्बन्धित ठेकेदार पर कारवाई न किया जाना खुद अपने आपमें कई सवाल खड़े कर रहें है.
:- वसई विरार भाजपा जिलाध्यक्ष राजन नाईकवसई विरार शहर भाजपा जिलाध्यक्ष राजन नाईक ने कहा कि पिछले 25 वर्षो से लगातार सत्तापर काबिज लोगों का प्रशासन व इंजीनियर की मिलीभगत से हुए भ्रष्टाचार का प्रत्यक्ष प्रमाण दे रही है शहर की सड़कें, जो पिछले 25 वर्षो में अबतक नहीं बदली. ठेकेदार लाए गए इंजीनियर से इससे ज्यादा उम्मीद भी सम्भव नहीं है. इस क्षेत्र के विकास और सुधार के लिए अब सत्ता परिवर्तन जरूरी है.
:- वसई विरार शहर कोंग्रेस जिलाध्यक्ष ऑनिल अल्मेडावसई विरार शहर कोंग्रेस जिलाध्यक्ष ऑनिल अल्मेडा ने कहा कि मनपा प्रशासन के मिस मैनेजमेंट का असर है, शहर का सुधार न होना, जो कार्य ठेकेदारों को दिया गया है, उसकी जांच जरूरी होती है, जिसपर कोई ध्यान नहीं देता. जिसके कारण पैसे खर्च होने के बाद भी समस्या अपने स्थान पर बना रहता है. वर्तमान में जो आयुक्त आए है, उनसे सुधार की कुछ उम्मीद की जा रही है.
:- कार्यकारी अभियंता राजेन्द्र लाडवसई विरार मनपा आयुक्त व कार्यकारी अभियंता राजेन्द्र लाड से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने अर्जेंट मीटिंग का हवाला देते हुए जवाब देने से इंकार कर दिया. दोबारा फोन किए जाने पर उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.